मुंबई: बॉलीवुड फिल्मकार कबीर खान के निर्देशन में बनी आगामी फिल्म 'ट्यूबलाइट' इन दिनों काफी चर्चा में बनी हुई है। फिल्म में सलमान खान और सोहेल खान भाईयों का किरदार निभाते हुए नजर आ रहे हैं। यह फिल्म 1962 के भारत-चीन युद्ध की पृष्ठभूमि पर आधारित है। कबीर का कहना है कि वह यह बात जानते हैं कि एक फिल्म समाज में कोई बदलाव नहीं ला सकती, लेकिन सिनेमा की ताकत लोगों की सोच पर असर डाल सकती है। निर्देशक कबीर खान की ज्यादातर फिल्मों -'बजरंगी भाईजान', 'एक था टाइगर', 'न्यूयॉर्क ' और 'काबुल एक्सप्रेस'- में यह झलक दिखी है, जो राजनीतिक संघर्ष के इर्दगिर्द रहीं और जिन्होंने बड़े स्तर पर लोगों को प्रभावित किया है।
उनकी फिल्मों में राजनीतिक झलक दिखने संबंधी सवाल पर कबीर ने कहा, "बिल्कुल! जैसे एक पेंटर अपने विचारों को पेंटिंग के माध्यम से प्रकट करता है। उसी तरह एक फिल्म निर्देशक के रूप में, मैं अपने विचारों और चीजों पर अपने दृष्टिकोण को प्रकट करने के लिए फिल्म बनाता हूं। मेरी विचारधारा मेरी फिल्मों में दिखाई देती है और मैं विश्वास करता हूं कि हमारी अपनी विचारधारा होनी चाहिए, बिना इसके हम जानवर बन जाएंगे।"
वह कहते हैं, "मैं जानता हूं कि एक फिल्म समाज नहीं बदल सकती, लेकिन यह संवाद शुरू कर सकती है। मैं विश्वास करता हूं कि एक फिल्म बहुत प्रभावशाली माध्यम है, आपकी सोच को बनाने के लिए कम से कम एक बार। यह समाज को बदलने जितना ताकतवर माध्यम नहीं है। तथ्य यह है कि एक फिल्म लोगों को सोचने और बातचीत करने के लिए प्रेरित करती है, जोकि अपने आप में एक पर्याप्त रूप से शक्तिशाली है।
उनकी 'ट्यूबलाइट' दो देशों की सीमाओं और कैसे भारत-चीन युद्ध के बाद वहां रहने वालों की जिंदगी प्रभावित होती है, के इर्दगिर्द घूमती है। यह फिल्म शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है।
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