इस चीज की वजह से हमेशा जमीन से जुड़े रहे हैं जूनियर एनटीआर
नंदमूरि परिवार की तीसरी पीढ़ी के अभिनेता जूनियर एनटीआर ने भी अपने अभिनय से दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बना ली है। आज दक्षिण भारतीय फिल्मों के जाने माने कलाकारों में उनका नाम लिया जाता है। जूनियर एनटीआर का कहना है कि...
हैदराबाद: मशहूर नंदमूरि परिवार की तीसरी पीढ़ी के अभिनेता जूनियर एनटीआर ने भी अपने अभिनय से दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बना ली है। आज दक्षिण भारतीय फिल्मों के जाने माने कलाकारों में उनका नाम लिया जाता है। जूनियर एनटीआर का कहना है कि उन्हें अपनी पारिवारिक विरासत को आगे बढ़ाने पर गर्व है, उनका मानना है कि यह उन्हें जमीन से जोड़े रखता है और उनके करियर में उनका मार्गदर्शन करता है। तेलुगू रोमांटिक फिल्म 'निन्नु चूडलानी' से 17 साल की उम्र में फिल्मी दुनिया में आगाज करने वाले अभिनेता का मानना है कि वह अपने परिवार के उस विरासत से पीछा नहीं छुड़ा सकते, जिसे उन्होंने 'पारिवारिक साजोसामान' नाम दिया है। जूनियर एनटीआर ने एक साक्षात्कार में बताया, "मुझे अपने परिवार की विरासत को आगे बढ़ाने का मौका मिला है, जिसके साथ लोग मुझे जोड़ते हैं..मैं इससे बच नहीं सकता..चाहे मैं इसे पसंद नहीं करूं। मुझे जो मिला है उसे आगे ले जाने में मुझे गर्व महसूस होता है।"
जूनियर एनटीआर का नाम उनके दिवंगत दादा और मुख्य रूप से एनटीआर के नाम से मशहूर नंदमूरि तारक रामा राव के नाम पर रखा गया है, जो बेहद लोकप्रिय अभिनेता और फिल्मकार थे और बाद में राजनीति में प्रवेश कर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी बने। जूनियर एनटीआर ने कहा, "अगर आपके ऊपर कोई बोझ नहीं है तो आप आजाद हैं। आप अपने मन मुताबिक जी सकते हैं। हम वह करते हैं जिसे हम पसंद करते हैं। इस साजोसमान' ने मुझे अहसास कराया कि मैं कौन हूं और इसने मुझे जमीन से जोड़े रखा है।" यह पूछे जाने पर कि परिवार की खास छवि के कारण क्या इसका मतलब यह है कि वह सिर्फ कुछ खास तरह की फिल्में ही कर सकते हैं, तो उन्होंने कहा कि पहले उन्होंने सोचा कि यह उन्हें कुछ खास तरह की फिल्में करने तक ही सीमित रखता है, लेकिन बाद में उन्हें अहसास हुआ कि वह अपनी फिल्मों के चयन के लिए खुद जिम्मेदार हैं और जीवन में बेटे अभयराम के आने के बाद फिल्मों के प्रति उनकी धारणा में बदलाव आया।
उन्होंने कहा, "हम जब कुछ करते हैं तो यह सोचते रहते हैं कि दूसरे क्या महसूस कर रहे हैं। मेरा मतलब एक अभिनेता बनने से था और बेटे के जन्म के बाद मुझे अहसास हुआ कि मैं जो भी कर रहा था उसे पूरी तरह से विशुद्ध रूप व सच्चे मन से नहीं कर रहा था। बेटे के जन्म ने मुझे वास्तव में सच्चे मन से काम करना सिखाया।" इसकी झलक जूनियर एनटीआर की 'नानकु प्रेमाथो' और 'जनता गैराज' जैसी फिल्मों में देखने को मिली है। वह बेटे के जन्म के एक साल बाद 2015 में आई पुरी जगन्नाथ की फिल्म 'टेम्पर' को अपने करियर में महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखते हैं। (OMG! रणबीर कपूर कर रहे हैं इस तलाकशुदा पाकिस्तानी अदाकारा को डेट, तस्वीरें हुई वायरल)
'टेम्पर' ने उनके करियर को एक नई ऊंचाई दी। उन्होंने कहा कि अपने परिवार के साथ अपनी यात्रा के बारे में चर्चा करने के लिए उन्हें एक उदाहरण पेश करना था। जीवन में उतार-चढ़ाव आना जरूरी है, अन्यथा यह रोमांचक नहीं रहेगा। जूनियर एनटीआर की बॉबी निर्देशित नई तेलुगू फिल्म 'जय लव कुश' गुरुवार (21 सितंबर) को रिलीज हो गई। फिल्म में तीन भाइयों की कहानी है। अभिनेता ने कहा कि उनके भाई इस फिल्म के निर्माता हैं और इसलिए यह फिल्म उनके लिए खास है।