जीतेगा इंडिया, हारेगा कोरोना: कोरोना काल के 'मसीहा' सोनू सूद ने बताया पिछली बार घर भेजना था इस बार जान बचाना है
सोनू सूद ने कहा 40-50 हजार रिक्वेस्ट हर रोज आती है, खुदा का शुक्र है कि बहुत लोगों की मदद कर पाता हूं।
सोनू सूद ने कहा कि मैं हर जगह गांव-शहर के लोगों से बात करता हूं। ये पूछने पर कि क्या कि क्या उनके पास 24 घंटे पर्याप्त होते हैं, इस पर सोनू सूद ने बताया कि उनके पास इतने कॉल मैसेज आते हैं कि कई कई बार 3-3 रात बिना सोए गुजर जाते हैं। सोनू ने बताया कि रात को ही इमरजेंसी होती है क्योंकि लोग अस्पताल के बाहर होते हैं और पेशेंट का ऑक्सीजन लेवल गिर रहा होता है।
सोनू सूद ने कहा कि पिछले साल मैंने लाखों लोगों की मदद की थी और अब जब दोबारा जरूरत होती है तो वही लोग अब मेरी मदद करते हैं। इसलिए मेरा नेटवर्क बहुत अच्छा हो गया है। इसके अलावा सोनू सूद ने कहा कि मेरा एक ही नंबर है जब से मैंने फोन लिया है तो मेरा फोन भी लगातार बजता रहता है, मैसेज आते रहते हैं। मैं एक्सेसबल हूं। सोनू ने बताया कि बाकी मेरी टीम है, जिसमें एक का काम सिर्फ प्लाज्मा से रिलेटेड मदद ढूंढ़ने की है, एक की बेड्स की एक की सिलिंडर तो एक ऑक्सीजन की। इस तरह मेरा काम आसान हो जाता है।
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सोनू सूद ने कहा 40-50 हजार रिक्वेस्ट हर रोज आती है, खुदा का शुक्र है कि बहुत लोगों की मदद कर पाता हूं। सोनू ने कहा कि हो जाता है उनकी टीम किसी ना किसी तरह एडजस्ट कर लेती है और काम हो ही जाता है। सोनू सूद ने बताया कि कई बार ऐसा होता है कि लोग नहीं बच पाते हैं उनके परिजन भी मेरे साथ जुड़ते हैं और मदद करते हैं, ये बहुत स्पेशल है।
सोनू सूद ने बताया कि सबसे ज्यादा रिक्वेस्ट दिल्ली और यूपी से आ रही हैं, इन दोनों जगह बहुत बुरे हाल हैं। वहीं बैंग्लोर में भी इस वक्त बुरे हाल हैं, वहां से भी बहुत रिक्वेस्ट आ रही हैं।
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सोनू सूद ने बैंग्लोर में 22 लोगों की जान एक अस्पताल में बचाई, जब वहां ऑक्सीजन खत्म हो गई और सोनू सूद ने वहां रातों रात ऑक्सीजन पंहुचाया और लोगों की जान बचाई जा सकी। सोनू सूद ने बताया कि भारती नाम की एक लड़की का लंग्स ट्रांसप्लांट होना था, वो कोविड से रिकवर हो चुकी थी, वो ठीक हो रही थी मगर अचानक वो जिंदगी की जंग हार गई बहुत दुख हुआ। सोनू सूद ने कहा इस बार हालात बहुत बुरे हैं, निर्दोष लोगों की जान जा रही है।
सोनू सूद ने बताया कि एयर एंबुलेंस से जब भारती को भेजना था तो एयर एंबुलेंस की कंपनी ने मेरे साथ मिलकर सारा खर्च उठाया, लोग बहुत सपोर्ट करते हैं।
सोनू सूद ने कहा मेरा या मेरी टीम के टीम का फोन कहीं जाता है तो लोग एड़ी चोटी का जोर लगाकर हमारी मदद करते हैं। सोनू सूद ने कहा कि कई बार लोगों का फोन आता है वो रोते हैं कहते हैं कि पापा चले गए मम्मी को बचा लीजिए, उनकी आवाजें नहीं भूल पाता हूं मैं। फिर जब मैं उनसे बात करता हूं तो उन्हें इतना भरोसा होता है कि सोनू सूद से बात हो गई है अब सब ठीक हो जाएगा।