जैकलीन फर्नांडिस ने कोरोना वायरस सर्वाइवर के साथ किया लाइव सेशन, महामारी के मिथक के बारे में की बात
कोरोना वायरस के बारे में फैल रहे मिथक के बारे में जैकलीन फर्नांडिस ने लाइव सेशन में कोविड-19 सर्वाइवर से बात की।
दुनियाभर में कोरोना वायरस महामारी फैल गई गई है। जिसकी वजह से लॉकडाउन की घोषणा की गई है। इस वायरस से जुड़ी कई झूठी खबरें और मिथक सामने आ रहे हैं। इन मिथक के बारे में बात करने और जागरुकता फैलाने के लिए जैकलीन फर्नांडिस ने इंस्टाग्राम पर लाइव चैट किया। जैकलीन ने सूरत की 21 साल पहली कोरोना वायरस मरीज रीता बचकानीवाला से बात की। रीता इस वायरस को मात दे चुकी हैं।
रीता ने चैट सेशन में बताया कि वह एक पेस्ट्री शेफ हैं।वह लंदन से मुंबई आई थीं। एयरपोर्ट पर थर्मल टेस्ट एकदम ठीक आए थे। मेरे लक्षण देखकर डॉक्टर ने कहा था कि मैं एयरपोर्ट या एयरप्लेन या किसी इंफेक्टिड जगह के संपर्क में आई हूं जिसे कोरोना वायरस से संक्रमित थी। जब मैं 14 फरवरी को भारत आई तो मुझे कोई भी लक्षण- खांसी, जुकाम बुखार कुछ नहीं था। लेकिन 16 फरवरी को मुझे बुखार आ गया। मैंने तुंरत हेल्पलाइन पर कॉल किया और मुझे टेस्ट कराने की सलाह दी गई।
जैकलीन ने रीता से पूछा अगर किसी व्यक्ति को वायरस के लक्षण हो तो उसे क्या करना चाहिए। रीता ने कहा- पहली सलाह- अथॉरिटी से बात करो और सेल्फ आइसोलेशन करें। मैं अपने परिवार से नहीं मिली थी और अपना सारा काम खुद करती थी। जिसकी वजह से वह लोग इस वायरस की चपेट में नहीं आए। मुझे जैसे ही लक्षण दिखना शुरू हुए मैंने हॉस्पिटल जाने का फैसला लिया। अस्पताल में सारी सुविधाएं थी। मेरे कमरे में आइसोलेटिड वार्ड, एसी, बॉथरुम, गर्म पानी के लिए हीटल था। इसके अलावा एक छोटी सी बालकनी थी जिसमें मैं वॉक कर सकूं।
रीता ने वायरस से संक्रमित होने के बारे में बताया कि यह बहुत दर्दनाक होता है। जब यह फैलता है तो सांस लेने में दिक्कत होती है। जब यह इंफेक्शन मेरे गले में थे तभी डिटेक्ट हो गया था तो यह मेरे फेफड़ों तक नहीं पहुंच पाया। थकावट की वजह से मुझे ऑक्सीजन की कमी भी महसूस होती थी। रीता 14 दिनों तक अस्पताल में रही थीं। जब दो बार उनका टेस्ट नेगेटिव आया उसके बाद उन्हें अस्पताल से डिसचार्ज किया गया।
रीता ने लॉकडाउन में घर के अंदर परेशान हो रहे लोगों को एक मैसेज भी दिया। उन्होंने कहा- आप फंसे नहीं हो औप घर के अंदर सुरक्षित हो।