इरफान का आखिरी संदेश- जब जिंदगी आपके हाथ में नींबू थमाती है तो शिकंजी बनाना बहुत मुश्किल हो जाता है
''कहावत है कि When life gives you a lemons, you make a lemonade... बोलने में अच्छा लगता है लेकिन जब सच में जिंदगी आपके हाथ में नींबू थमाती हैं ना तो शिकंजी बनाना बहुत मुश्किल हो जाता है। आपके पास और च्वॉइस भी क्या है पॉजिटिव रहने के अलावा। ''
मंबई: बॉलीवुड अभिनेता इरफान खान नहीं रहे... जैसे ही ये खबर सामने उनको जानने वाले शख्स को गहरा सदमा लगा। फिल्म इंडस्ट्री के साथ-साथ उनके फैन्स के लिए भी यह गहरा आघात था। उनका जाना एक गहरी क्षति है... जिससे उबरना आसान नहीं हैं। इरफान ने बॉलीवुड में तमाम खूबसूरत फिल्में दी हैं। अपने अभिनय से इरफान ने लोगों को हमेशा हैरान किया है... इरफान की आखिरी फिल्म अंग्रेजी मीडियम थी।
एक लीड एक्टर के लिए बहुत मुश्किल होता है जब वो इतनी मेहनत से फिल्म बनाते हैं, और जब वो फिल्म दर्शकों के सामने आ रही है तो वो दर्शकों के सामने आकर फिल्म पर बात भी ना कर पाए। इरफान जब अंग्रेजी मीडियम की शूटिंग कर रहे थे, उस वक्त बीमार थे। कैंसर का इलाज कराकर लौटे थे और शॉट देते वक्त थक जाते थे। बार बार बैठ जाते थे, लेकिन काम उन्होंने पूरी तन्मयता से किया। फिल्म का प्रमोशन तो वो नहीं कर पाए लेकिन फिल्म की रिलीज के वक्त इरफान ने अपने फैन्स के लिए एक ऑडियो मैसेज शेयर किया था। इरफान का ये ऑडियो संदेश उनका आखिरी संदेश हो गया है। क्या कहा था इरफान ने पढ़िए-
‘हेलो भाईयों-बहनों, नमस्कार, मैं इरफान.... मैं आज आपको साथ हूं भी और नहीं भी.. खैर यह फिल्म ‘अंग्रेजी मीडियम’ मेरे लिए बहुत ही खास है। यकीन मानिए मेरी दिली ख्वाहिश थी कि इस फिल्म को उतने ही प्यार से प्रमोट करूं जितने प्यार से हम लोगों ने इसे बनाया है। लेकिन मेरे शरीर के भीतर कुछ अनचाहे मेहमान बैठे हुए हैं। उनसे वार्तालाप चल रहा है। देखते हैं किस करवट ऊंट बैठता है। जैसा भी होगा आपको इत्तेला कर दी जाएगी।
कहावत है कि When life gives you a lemons, you make a lemonade... बोलने में अच्छा लगता है लेकिन जब सच में जिंदगी आपके हाथ में नींबू थमाती हैं ना तो शिकंजी बनाना बहुत मुश्किल हो जाता है। आपके पास और च्वॉइस भी क्या है पॉजिटिव रहने के अलावा। इन हालात में नींबू की शिकंजी बना पाते हैं या नहीं बना पाते हैं ये आप पर है।और हम सबने इस फिल्म को उसी पॉजिटिविटी के साथ बनाया है। मुझे उम्मीद है, यह फिल्म आपको हंसाएगी, सिखाएगी, रुलाएगी, फिर हंसाएगी शायद... ट्रेलर को एन्जॉय करिए..और हां..... मेरा इंतजार करिएगा।"
इन शब्दों में आप इरफान का दर्द समझ सकते हैं, अपने अंतिम दिनों में उनकी जिंदगी बहुत कठिन थी। लगा था कैंसर को हराकार अब वो हमें फिर से बेहतर फिल्में देंगे। लेकिन अब सिर्फ उनकी यादें और उनका ये आखिरी संदेश रह गया है हमारे बीच।
इरफान की जिंदगी आखिरी के दिनों में कितनी दर्द भरी थी इसका अंदाजा हम और आप नहीं लगा सकते हैं। हाल ही में इरफान की मां का निधन हुआ था, मां के अंतिम संस्कार में भी इरफान शामिल नहीं हो पाए। खराब तबीयत और लॉकडाउन की वजह से वो मां के अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाए और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उनके अंतिम दर्शन किए।