नई दिल्ली: आज बॉम्बे हाईकोर्ट फैसला सुनाएगा कि सलमान खान जेल में रहेंगे या फिर खुली हवा में सांस लेने के लिए आज़ाद होंगे। लेकिन इससे पहले मुंबई सेशंस कोर्ट ने सलमान को पांच साल की सज़ा सुनाते हुए उन्के रवैये पर कई गंभीर सवाल उठाए हैं। इंडिया टीवी के पास जज डीडब्ल्यू देशपांडे के फैसले की कॉपी है। करीब 240 पन्नों के इस फैसले में जज ने कई सवाल खड़े किए हैं।
करीब 240 पन्नों के अपने फैसले में जज डीडब्ल्यू देशपांडे ने 27 सितंबर 2002 को हुए हादसे के बाद सलमान पर कुछ ऐसे सवाल खड़े किए हैं जो बेहद ही गंभीर हैं।
ड्राइवर पर कार्रवाई का भरोसा नहीं
मुंबई सेशंस कोर्ट के जज देशपांडे ने अपने फैसले में लिखा है कि अगर सलमान दोषी नहीं थे तो उन्हें ये भरोसा दिलाना चाहिए था कि दोषी ड्राइवर के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। जज ने इसी आधार पर सलमान के वकीलों की इस दलील को खारिज कर दिया कि फुटपाथ पर सो रहे लोगों को अपना शिकार बनाने वाली लैंड क्रूजर कार सलमान नहीं चला रहे थे।
पुलिस को क्यों नहीं दी जानकारी
जज देशपांडे ने अपने फैसले में एक्सीडेंट के बाद सलमान के व्यवहार पर सवाल उठाया है। उन्होंने लिखा है कि अगर सलमान ने कुछ गलत नहीं किया होता तो वो तत्काल पुलिस के पास जाते और घटना की जानकारी देते। ये साफ है कि आरोपी घायलों को देखने या उनकी मदद करने हॉस्पिटल नहीं गया। वो पुलिस के साथ दोबारा स्पॉट पर भी नहीं आया।
आगे जज ने अपने फैसले में कहा है कि पीड़ितों की मदद के लिए कोई कदम न उठाना और पुलिस को जानकारी न देना आरोपी के खिलाफ जाता है।
सलमान की दलील पर सवाल- हादसा बायां टायर फटने से नहीं
कोर्ट ने सलमान के पक्ष में दी गई इस दलील को भी नहीं माना कि एक्सीडेंट से पहले कार का बायां टायर फट गया था। कोर्ट ने कहा कि टायर फट सकता है लेकिन गाड़ी के सीढियां चढ़ने के बाद। कोर्ट ने इस बारे में एक्सपर्ट के बयान का भी हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि कार के बाएं पहिये में सिर्फ हवा कम थी, वो पंक्चर नहीं था।
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