बॉलीवुड के ही-मैन धर्मेंद्र 8 दिसंबर 1935 को पंजाब में पैदा हुए थे, आज वो अपना 85वां जन्मदिन मना रहे हैं। धर्मेंद्र गांव में रहते थे और उनके पिता स्कूल में हेडमास्टर थे। गांव से मीलों दूर जाकर धर्मेंद्र ने एक दिन सुरैया की फिल्म दिल्लगी देखी और तभी से मन बना लिया कि उन्हें भी फिल्मों में जाना है। धर्मेंद्र ने 40 दिनों तक रोज यह फि्लम देखी और रोज मीलों पैदल चले। धर्मेंद्र को खबर लगी कि फिल्मफेयर नाम की मैग्जीन नए टैलेंट की तलाश कर रही है और उन्होंने फॉर्म भेजा। धर्मेंद्र ने कहीं से एक्टिंग क्लास नहीं ली थी लेकिन उन्होंने तमाम लोगों को पीछे छोड़कर टैलेंट हंट में सबसे आगे पहुंच गए।
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धर्मेंद्र को लगा कि अब वो फिल्मों में छा जाएंगे, लेकिन ये सफर इतना भी आसान नहीं रहा जितना वे सोच रहे थे। कई बार उन्हें सिर्फ चने खाकर बेंच पर रात गुजारनी पड़ी। फिल्म निर्माताओं से मिलने के लिए वे पैदल चलते जिससे खाने के लिए पैसे बचा सके। एक बार तो धर्मेंद्र के पास खाने के लिए भी पैसे नहीं थे, उस वक्त उन्होंने टेबल पर अपने रूममेट का ईसबगोल का पैकेट खा लिया, पूरा पैकेट खाने की वजह से उनकी हालत बिगड़ गई और उन्हें डॉक्टर को दिखाना पड़ा। डॉक्टर ने बताया कि इन्हें दवा नहीं खाने की जरूरत है।
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शुरू में पहलवानों जैसी बॉडी होने की वजह से कई निर्माताओं ने उन्हें अभिनय छोड़कर अखाड़े में जाने की सलाह दी। धर्मेंद्र की पहली हिट फिल्म फूल और पत्थर थी। इसमें वे शर्टलेस हुए और सबको हैरान कर दिया।
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