Happy Birthday: अमजद खान को कैसे मिला गब्बर का रोल?
अमजद आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनका निभाया गब्बर सिंह का रोल आज भी लोगों के जेहन में जिंदा है और आने वाले कई सालों तक उन्हें याद किया जाएगा।
नई दिल्ली: जब भी बॉलीवुड की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘शोले’ की बात होती है तो जय-वीरू तो बाद में याद आते हैं सबसे पहले जिसका नाम दिमाग में आता है वह है गब्बर सिंह। ऐसा विलेन जो कूल है मगर उसकी आवाज और हंसी इतनी खतरनाक कि बच्चे उसका नाम सुनकर डरकर सो जाते थे। क्या आपको पता है उसी आवाज की वजह से पहले अमजद खान को शोले के लिए मिसफिट मान लिया गया था।
आज 12 नवंबर है और आज ही के दिन अमजद खान इस दुनिया में आए थे। बेशक अमजद आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनका निभाया गब्बर सिंह का रोल आज भी लोगों के जेहन में जिंदा है और आने वाले कई सालों तक उन्हें याद किया जाएगा।
हम बात कर रहे थे उनके गब्बर वाले रोल की। जब अमजद खान को गब्बर मिली थी उस वक्त वो बतौर अभिनेता तो स्थापित हो चुकी थी लेकिन उनकी छवि ऐसी नहीं थी कि किसी पॉवरफुल विलेन के किरदार में उन्हें इमैजिन किया जा सके। जो अमिताभ और धर्मेंद्र जैसे सुपरहिट अभिनेताओं के खिलाफ लड़ सके। इसलिए पहले इस रोल के लिए डैनी का नाम सोचा था। उन्हीं को ध्यान में रखते हुए ये किरदार भी गढ़ा गया था। लेकिन जब उन्होंने वक्त की कमी की वजह से यह रोल करने से इनकार कर दिया तो सलीम साहब ने फिल्म के डायरेक्टर से अमजद खान को लेने की बात कही।
हालांकि जब अमजद के पास ये रोल पहुंचा, तो वो स्क्रिप्ट सुनकर ही घबरा गए। लेकिन आखिर काफी सोच विचार करने के बाद चुनौती के तौर पर उन्होंने यह फिल्म करने के लिए हां कर दी। इस रोल में ढलने के लिए अमजद ने खूब तैयारी की यहां तक कि चंबल के डाकुओं पर लिखी किताबें भी खूब पढ़ी। इसका असर उनके निभाए किरदार में साफ नजर आया। उनके बोले गए डायलॉग, उनकी चाल-ढाल और उनकी संवाद अदायगी सबकुछ एक छाप छोड़ गया।
यहां देखिए गब्बर सिंह के कुछ मशहूर डायलॉग सीन-
अमजद खान ने अभिनय की शुरुआत बतौर बाल कलाकार सन् 1957 में फिल्म दिल्ली दूर नहीं से की थी।