‘न्यूटन’ ऑस्कर की रेस से हुई बाहर और ट्रोल होने लगे हंसल मेहता
सोशल मीडिया वाकई कभी-कभी मुसीबत का सबब बन जाता है। अब राजकुमार राव की फिल्म ‘न्यूटन’ ऑस्कर की रेस से बाहर हुई तो लोग फिल्मकार हंसल मेहता को ट्रोल करने लगे।
मुंबई: सोशल मीडिया वाकई कभी-कभी मुसीबत का सबब बन जाता है। अब राजकुमार राव की फिल्म ‘न्यूटन’ ऑस्कर की रेस से बाहर हुई तो लोग फिल्मकार हंसल मेहता को ट्रोल करने लगे। हंसल मेहता ने हमेशा न्यूटन की तारीफ की है, लेकिन वे फिल्म से किसी भी तरह से नहीं जुड़े हुए हैं। फिल्म 'न्यूटन' के ऑस्कर की दौड़ से बाहर होने के बाद फिल्मकार हंसल मेहता ने एक बार फिर राजकुमार राव का समर्थन करते हुए कहा कि इस तथ्य को नहीं बदला जा सकता है कि 'न्यूटन' भारत की बेहतरीन फिल्मों में से एक है। मेहता ने दावा किया 'न्यूटन' के ऑस्कर 2018 में विदेशी भाषा की फिल्म श्रेणी से बाहर हो जाने के बाद उन्हें ट्रोल किया गया।
मेहता ने शुक्रवार को ट्वीट किया, "मैं उन सभी लोगों के लिए असभ्य भाषा का उपयोग करना चाहता हूं जो न्यूटन के ऑस्कर से बाहर होने पर खुशी जता रहे हैं और मुझे ट्रोल कर रहे हैं। ऑस्कर हो या न हो यह लंबे समय बाद बनीं भारत की बेहरतरीन फिल्म रहेगी।"
'न्यूटन' का निर्देशन अमित वी. मसुरकर ने किया था जिसमें राजकुमार राव, पंकज त्रिपाठी और रघुबीर यादव थे। यह फिल्म एक सरकारी कर्मचारी के इर्दगिर्द घूमती है जो नक्सलियों द्वारा नियंत्रित छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाके में मतदान की निगरानी करता है।
इस फिल्म को फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया की तरफ से ऑस्कर के लिए भेजा गया था उसी समय यह अफवाह उड़ी थी कि 'न्यूटन' 2001 की ईरानी फिल्म 'सीक्रेट बैलोट' से प्रेरित है। हंसल मेहता ने उस समय भी फिल्म का पूरा समर्थन किया था। उनकी पोस्ट को शुक्रवार को फिल्मकार अनुराग कश्यप का समर्थन मिला जिन्होंने उनके ट्वीट को रीट्वीट किया।
अनुराग ने सीक्रेट बैलोट के निर्माता मार्को मुलर से फिल्म की समानताओं पर अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए संपर्क किया था और मार्को ने उनसे कहा, "यहां साहित्यक चोरी का जरा भी संकेत नहीं मिलता है।"
इनपुट- आईएनएस