जब एकता कपूर को लगा 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का' होगी उबाऊ
एकता ने कहा कि जब फिल्म के बारे में उन्होंने सुना तो उन्हें लगा कि यह उबाऊ फिल्म होगी, लेकिन जब उन्होंने इसे देखा तो उन्हें यह मनोरंजक और सशक्तीकरण को बढ़ावा देने वाली फिल्म लगी।
नई दिल्ली: छोटे पर्दे की क्वीन कही जाने वाली एकता कपूर ने अब तक के अपने करियर में कई सीरियल्स बनाए हैं। इनमें से ज्यादातर महिला प्रधान विषयों पर ही आधारित रहे हैं। एकता का मानना है कि भारतीय समाज में लोगों को महत्वपूर्ण मुद्दों के प्रति जागरूक करने के लिए शिक्षा से बेहतर साधन मनोरंजन है। एकता ने एक साक्षात्कार में कहा, "निजी तौर पर मेरा मानना है कि शिक्षा और इंफोटेनमेंट (सूचना व मनोरंजन) अलग-अलग पहलू है। अगर आप लोगों को शिक्षित करते हैं तो वे बोर होने लगते हैं और अगर आप उन्हें फिल्में दिखाते हैं, जो मनोरंजक होती हैं और वे किरदारों को पसंद करते हैं और कहानी के साथ जुड़ जाते हैं, तो आप उनकी मानसिकता में बदलाव लाने के लिए बहुत कुछ कर रहे हैं।"(जानें किन कारणों से 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का' में नज़र नहीं आती आहाना कुमरा)
'क्योंकि सास भी कभी बहू थी', 'कहानी घर-घर की', और 'कुमकुम भाग्य' जैसे शो बना चुकीं एकता ने यह भी कहा कि फिल्म या टीवी शो लोगों को सशक्त भले नहीं बना सकते, लेकिन उन्हें जागरूक कर सकते हैं। एकता के मुताबिक, "यह दर्शकों को उस लड़ाई के बारे में जागरूक कर सकती है, जिसे महिलाएं लड़ रही हैं। सशक्तीकरण अंदर से आता है। हममें से हर एक को अलग-अलग पूर्वाग्रहों के खिलाफ खड़े होकर उनका सामना करना पड़ता है और फिर उन्हें 'नहीं' कहना पड़ता है। अब वह समय आ गया है, जब हमें अपने दर्शकों को 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का' जैसी फिल्में दिखाकर जागरूक करना है।"
फिल्म 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का' को महिला केंद्रित और बोल्ड फिल्म होने के कारण केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड की ओर से प्रमाण पत्र मिलने में काफी रुकावटों का सामना करना पड़ा। इस फिल्म की वितरक एकता कपूर हैं। एकता ने कहा कि जब फिल्म के बारे में उन्होंने सुना तो उन्हें लगा कि यह उबाऊ फिल्म होगी, लेकिन जब उन्होंने इसे देखा तो उन्हें यह मनोरंजक और सशक्तीकरण को बढ़ावा देने वाली फिल्म लगी।
अलंकृता श्रीवास्तव द्वारा निर्देशित इस फिल्म में कोंकणा सेन, रत्ना पाठक शाह, आहाना कुमरा और प्लाबिता बोरठाकुर हैं। फिल्म चार ऐसी महिलाओं के इर्द-गिर्द घूमती है, जो खुलकर अपनी जिंदगी जीना चाहती हैं। एकता ने कहा कि हम ऐसी चीजों के बारे में बात करना पसंद नहीं करते, जो महिलाओं की जिंदगी में मौजूद है। उन्हें बस बच्चे पैदा करने लायक ही समझा जाता है। उन्होंने कहा कि वह केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी का सम्मान करती हैं और उन्हें पूरा यकीन है कि वह जो कुछ कर रहे हैं, उसके पीछे एक वैचारिक प्रक्रिया है। एकता ने उम्मीद जताई है कि दर्शक फिल्म 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का' को बहुत पसंद करेंगे। फिल्म 21 जुलाई को रिलीज हो रही है।