शोहरत नशा है, हमारे लिए यह मायने नहीं रखता: धर्मेंद्र
र्मेन्द्र ने कहा कि शोहरत नशे की लत की तरह होती है, लेकिन व्यक्ति अपनी जड़ों से जुड़े रहकर ही इसके जाल में फंसने से बच सकता है।
नई दिल्ली: धर्मेंद्र, सनी देओल और बॉबी दओल की फिल्म 'यमला पगला दीवाना: फिर से' 31 अगस्त को रिलीज हुई। पिछले पार्ट की तरह यह फिल्म भी कमाल दिखाने में सफल नहीं हो पा रही है। धर्मेंद्र ने एक इंटरव्यू में उनके और उनके बच्चों सनी देओल और बॉबी देओल के लिए पैसे और शोहरत की अहमियत पर बात की। धर्मेन्द्र ने कहा कि शोहरत नशे की लत की तरह होती है, लेकिन व्यक्ति अपनी जड़ों से जुड़े रहकर ही इसके जाल में फंसने से बच सकता है। अपने लंबे फिल्मी सफर में कई हिट फिल्में देने वाले धर्मेन्द्र ने कहा कि उनके और उनके बच्चों के लिए ‘दौलत और शोहरत’ के कभी कोई मायने नहीं रहे।
धर्मेन्द्र ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘‘हम नहीं जानते कि चूहा दौड़ कैसी होती है। शोहरत नशा है। यह आपके सिर पर चढ़ सकता है, लेकिन आप इसके आदी होने से खुद को बचा सकते हैं। हम इसके आदी नहीं हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन प्रेम एक जुनून है जो दिलों में घर बनाता है। यही हमारे साथ हुआ है। लोग उन घरों को नहीं गिरा सकते जो हमने उनके दिलों में बनाए हैं।’’
82 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि वह केवल ‘ईमानदारी और विनम्रता’ के रास्ते को जानते है। उन्होंने अपने दो बेटों सनी और बॉबी को यही विरासत में दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कभी अपनी जड़ों को नहीं छोड़ा, ना कभी छोड़ेंगे। मुझे यही शिक्षा मेरे माता पिता ने दी और मैंने अपने बच्चों को दी। हर किसी का सम्मान करो और विनम्र रहो।’’
उन्होंने कहा कि इसके पीछे एक बड़ा कारण यह भी रहा कि वह कभी किसी ‘कैम्प’ का हिस्सा नहीं रहे।
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