‘उड़ता पंजाब’ को दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया ये आदेश
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को आदेश दिया कि बॉलीवुड फिल्म 'उड़ता पंजाब' के निमार्ता फिल्म के प्रोमो से वह सीन हटा दे, जिसे फिल्म से काटने का आदेश बम्बई उच्च न्यायालय ने दिया है।
नई दिल्ली: अभिषेक चौबे के निर्देशन में बनी फिल्म 'उड़ता पंजाब' पर चल रहा विवाद रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। जहां एक तरफ बंबई उच्च न्यायलय ने फिल्म को हरी झंडी दिखा दी है वहीं, दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को आदेश दिया कि बॉलीवुड फिल्म 'उड़ता पंजाब' के निमार्ता फिल्म के प्रोमो से वह सीन हटा दे, जिसे फिल्म से काटने का आदेश बम्बई उच्च न्यायालय ने दिया है। न्यायमूर्ति सुनील ग्रोवर और न्यायमूर्ति पी.एस. तेजी की पीठ ने इसके अलावा उस दृश्य को यूट्यूब से भी हटाने का आदेश दिया है। अदालत ने एक गैर सरकारी संगठन की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया है।
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बम्बई उच्च न्यायालय ने 13 जून को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के फिल्म में 13 कट के आदेश को खारिज करते हुए इस फिल्म को महज एक कट के साथ रिलीज करने का निर्देश दिया था। यह फिल्म 17 जून को रिलीज हो रही है।
फिल्म निर्माताओं के वकील अमित नाईक ने कहा, "अदालत ने सीबीएफसी द्वारा निर्देशित 13 कट को खारिज करते हुए महज एक कट के साथ फिल्म रिलीज करने का निर्देश दिया है, जिसमें हीरो सार्वजनिक रूप से पेशाब कर रहा होता है।"
इस फिल्म को तीन खंडनों के साथ रिलीज करने का आदेश दिया गया है। जिसमें पहला है कि 'हम किसी प्रकार के ड्रग को प्रमोट नहीं करते', दूसरा 'हम किसी खास राज्य को निशाना नहीं बना रहे हैं' और तीसरा 'हम गाली-गलौज को बढ़ावा नहीं देते'। इसके अलावा एक जगह से पाकिस्तान का संदर्भ हटाने के लिए कहा गया है और निर्माता इसे हटाने को राजी हैं।