मुंबई: फिल्मकार मधुर भंडारकर की अपकमिंग फिल्म ‘इंदु सरकार’ में केंद्रीय फिल्म एवं प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) समिति ने 14 कट लगाने को कहा है, जिसके बाद वह सकते में हैं। फिल्म 1975 के आपातकाल की पृष्ठभूमि पर बनी है। भंडारकर ने सोमवार शाम को ट्वीट किया, "'इंदु सरकार' की सेंसर स्क्रीनिंग से बाहर निकला हूं। मैं समिति द्वारा 14 कट लगाए जाने को कहे जाने से हैरान हूं। पुनरीक्षण समिति के पास जाऊंगा।"
ये वो डायलॉग्स और शब्द है जिसे सेंसर ने हटाने को कहा है।
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता फिल्मकार की आपातकाल पर आधारित इस फिल्म के किरदार दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके बेटे संजय गांधी से प्रेरित हैं। फिल्म में नील नितिन मुकेश, कीर्ति कुलहरि, सुप्रिया विनोद, अनुपम खेर और तोता रॉय चौधरी जैसे कलाकार हैं।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी सरकार और देश की संप्रभुता को आंतरिक और बाहरी दोनों शक्तियों से खतरा होने का हवाला देते हुए 25 जून, 1975 को आपातकाल लागू कर दिया था, जो 21 मार्च 1977 तक रहा था।
फिल्म कांग्रेस के निशाने पर है। हाल ही में मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरुपम ने सीबीएफसी प्रमुख पहलाज निहलानी को पत्र लिखकर फिल्म के सेंसर होने से पहले उन्हें दिखाए जाने की मांग की थी।
कांग्रेस की इंदौर इकाई ने सोमवार को सिने सर्किट एसोसिएशन और सिने ग्रह संचालन को पत्र लिखकर उनसे फिल्म को नहीं रिलीज होने देने की अपील की। इस बीच, भंडारकर ने साफ कर दिया है कि इस फिल्म के जरिए उनका मकसद किसी 'खास राजनीतिक विचारधारा का प्रचार करना नहीं है।'
नील नितिन मुकेश की फिल्म 'इंदु सरकार' 28 जुलाई को रिलीज होने जा रही है।
(इनपुट आईएनएस से)
नील नितिन मुकेश ने बिना स्क्रिप्ट पढ़े इंदु सरकार के लिए कर दी थी हां
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