आऊ ललिता, आंखें निकालकर गोटियां खेलता हूं.... जैसे कई बेहतरीन डायलॉग्स बोलने वाले बॉलीवुड के विलेन शक्ति कपीर आज अपना 68वां जन्मदिन मना रहे हैं। शक्ति कपूर का जन्म 3 सितंबर 1952 को दिल्ली में हुआ था। शक्ति कपूर ने विलेन के साथ अपनी कॉमेडी से भी दर्शकों का दिल जीता है। शक्ति कपूर को पहला अहम रोल फिल्म 'कुर्बानी' से मिला था। कुर्बानी फिल्म मिलने के पीछे एक दिलचस्प किस्सा है। आइए आपको बताते हैं शक्ति कपूर को फिरोज खान ने यह फिल्म कैसे ऑफर की थी।
शक्ति कपूर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि कैसे फिरोज खान की कार को टक्कर मारकर वह बॉलीवुड के विलेन बन गए। शक्ति कपूर ने बताया एक बार मैं अपनी कार में साउथ बॉम्बे से लिंकिंग रोड जा रहे थे। मेरी कार की टक्कर एक मर्सडीज से हो गई। जब मैं कार से बाहर आया तो मैंने मर्सडीज से एक 6 फुट 2 इंच के इंसान को बाहर आते देखा। वह फिरोज खान थे। जैसे ही मैंने उन्हें कार से बाहर आते देखा और कहा- सर मेरा नाम शक्ति कपूर है, मैं फिल्म इंस्टीट्यूट पुणे से हूं। मैंने एक्टिंग में डिप्लोमा किया है प्लीज मुझे अपनी फिल्म में रोल दे दीजिए।
शक्ति कपूर ने आगे बताया मैं उस दिन शाम को अपने दोस्त केके शुक्ला के घर गया। वह एक राइटर था और फिरोज खान की कुर्बानी पर काम कर रहे थे। जब मैं उनके घर पहुंचा तो उन्होंने कहा- फिरोज खान फिल्म में एक किरदार के लिए एक व्यक्ति को ढूंढ रहे हैं। वह व्यक्ति पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट से है और फिरोज खान से उसकी कार की टक्कर हुई थी। मैं यह सुनकर खुश हो गया और कहा- मैं ही वो व्यक्ति हूं।
ये सब होने के बाद केके शुक्ला ने तुरंत फिरोज खान को कॉल किया और शक्ति कपूर के बारे में बताया। इस तरह से शक्ति कपूर को अपना पहला मेजर रोल फिरोज खान की कुर्बानी में मिला।
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