गैंग्स ऑफ वासेपुर, सेक्रेड गेम्स जैसी कई फिल्मों और वेब सीरीज का डायरेक्शन कर चुके अनुराग कश्यप आज अपना 48वां जन्मदिन मना रहे हैं। अनुराग डायरेक्शन के साथ स्क्रिप्ट, प्रोड्यूसर और एक एक्टर भी हैं। उनका जन्म 10 सितंबर 1972 को गोरखपुर में हुआ था।। अनुराग ने अपने करियर की शुरूआत टीवी सीरियल राइटर के रुप में की थी। उनके बाद उन्होंने रामगोपाल वर्मा की फिल्म 'सत्या' में बतौर को-राइटर काम किया।उसके बाद उन्होंने ब्लैक फ्राइडे में काम किया। उन्हें 2009 में आई फिल्म देवडी से पहचान मिली। इस फिल्म ने अनुराग कश्यप की जिंदगी बदल दी और उसके बाद उन्होंने भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अनुराग कश्यप ने गैंग्स ऑप वासेपुर 1 एंड 2, रमन राघव, बॉम्बे टॉकीज, मनमर्जियां सहित कई फिल्में बनाई हैं। आज उनके जन्मदिन पर उनकी फिल्मों के बेहतरीन डायलॉग्स के बारे में बताते हैं।
अनुराग कश्यप की फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर के डायलॉग्स बहुत फेमस हुए थे। उनमें से एक है- 'बाप का, भाई का दादा का, सबका बदला लेगा तेरा फैजल'। इसी फिल्म का एक और डायलॉग यहां कबूतर भी एक पंख से उड़ता है और दूसरे से अपनी इज्जत बचाता है' खूब फेमस हुआ।
अनुराग कश्यप की फिल्म देव डी का डायलॉग 'दिल्ली में बिल्ली मार लो, खा लो, लेकिन पालो नहीं, बहुत महंगा पड़ता है' लोगों को बहुत पसंद आया था।
गुलाल फिल्म का डायलॉग 'खुदी को कर बुलंद इतना की हिमालय पर तू जा पहुंचे और खुदा तुझसे खुद पूछे, अबे ... उतरेगा कैसे?' अनुराग कश्यप की फिल्म का यह डायलॉग सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था।
अनुराग कश्यप की फिल्म रमन राघव 2.0 बॉक्स ऑफिस पर खास कमाल नहीं दिखा पाई थी मगर इस फिल्म के डायलॉग्स और डायरेक्शन की खूब तारीफ हुई थी। इस फिल्म का डायलॉग अपुन तो जब भी हवाई जहाज को देखता है ना तो अपने आप से बोलता है, ए रमना फिर उड़ा कोई रावण' दर्शकों को बहुत आया था।
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