Birth Anniversary: दिव्या भारती की मौत आज भी है एक रहस्य, 19 साल में कह दिया था दुनिया को अलविदा
दिव्या भारती आज जीवित होती तो 47 साल की हो गई होती। जानिए उनकी बर्थ एनिवर्सरी पर कुछ अनसुने किस्से...
मुंबई: दिव्या भारती एक ऐसा नाम जिन्होंने बेहद कम उम्र में बड़ी कामयाबी हासिल कर ली थी। बॉलीवुड का हर निर्देशक उनके साथ काम करना चाहता था। 1992 में 3 हिट फिल्में देने वाली दिव्या साल 1993 में 19 साल की कम उम्र में इस दुनिया को हमेशा के लिए छोड़कर चली गईं। रात 11 बजे दिव्या मुंबई के वर्सोवा में अपने फ्लैट के पांचवे माले की बालकनी से नीचे गिर गईं और दम तोड़ दिया। पूरी फिल्म इंडस्ट्री दिव्या की मौत की खबर सुनकर सन्न रह गई। दिव्या भारती आज जीवित होती तो 47वां जन्मदिन मना रही होती।
दिव्या ने अपने करियर की शुरूआत तेलुगू फिल्मों से की थी। तेलुगू में नाम कमाने के बाद दिव्या ने साल 1992 से 1993 के बीच 14 से अधिक हिंदी फिल्में साइन की। जो हिंदी सिनेमा में अपने आप में एक रिकॉर्ड है। 1992 में दिव्या भारती और सनी देओल की फिल्म‘विश्वात्मा’रिलीज हुई। फिल्म जबरदस्त हिट हुई। फिल्म का गाना‘सात समंदर पार’आज भी सुपरहिट है। अगले महीने दिव्या भारती और गोविंदा की फिल्म 'शोला और शबनम' भी सुपरहिट रही। इसके बाद जुलाई में शाहरुख खान और ऋषि कपूर के साथ दिव्या फिल्म 'दीवाना' में नजर आईं। 'दीवाना' शाहरुख खान की पहली फिल्म थी और दिव्या की लगातार तीसरी सुपरहिट फिल्म थी।
'शोला और शबनम' की शूटिंग के दौरान ही दिव्या, साजिद नाडियावाला के करीब आ गईं थीं। दिव्या के 18 साल पूरे होते ही दोनों ने शादी कर ली। दिव्या की मौत के बाद भी उनकी कई फिल्में रिलीज हुई। 'रंग', 'शतरंज' और 'थोलि मुद्धू' कुछ ऐसी ही फिल्मों के नाम हैं। दिव्या ने जिन फिल्मों की शूटिंग अधूरी छोड़ी थी उसमें या तो उनके जैसी दिखने वाली लड़की का इस्तेमाल हुआ या फिर किसी और अभिनेत्री ने उनकी जगह काम किया।
आपको जानकर हैरानी होगी श्रीदेवी की फिल्म ‘लाडला’ में पहले दिव्या भारती को ही लिया गया था। दिव्या ने फिल्म का बड़ा हिस्सा शूट भी कर लिया था। लेकिन उनकी असमय मौत के बाद फिल्म को फिर से शूट किया। इंटरनेट पर दिव्या की शूटिंग के फुटेज आज भी उपलब्ध हैं।लगातार 3 हिट फिल्मों के बाद दिव्या मार्च 1993 में दिव्या की फिल्म 'क्षत्रिय' रिलीज हुई। ये उनके जीवनकाल में रिलीज़ हुई उनकी आखिरी फिल्म थी।
दिव्या भारती के एक साल के काम ने उन्हें इतनी ऊँचाई पर पहुँचा दिया की आज उनके जाने के 26 साल बाद भी लोग उन्हें भुला नहीं पाए हैं। उन पर फ़िल्माये गाने - 'सात समुंदर पार', और 'दीवाना तेरा नाम रख दिया' आज भी जब बजता है और दिव्या अपने होने की मौजूदगी दर्ज कराती हैं।