नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में भूपेन हजारिका के बेटे ने कुछ समय पहले मौदी सरकार द्वारा अपने पापा को मिले भारत रत्न को लौटाने का फैसला किया है। भूपेन हजारिका के बेटे तेज हजारिका ने कहा कि वो अपने पिता को मिले भारत रत्न के सम्मान को नहीं लेंगे। सोमवार की शाम को तेज ने यह खबर असम के एक लोकल न्यूज चैनल को कंफर्म की। तेज यूएस में रहते हैं।
हालांकि 67 साल के तेज ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। तेज पब्लिशर, राइटर और टीचर हैं।
भूपेन हजारिका का जन्म 8 सितंबर 1926 को हुआ था। 5 नवंबर 2011 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। गायक-गीतकार के अलावा वह कवि, संगीतकार और फिल्मकार भी थे। उन्हें देश के कई प्रसिद्ध सम्मान जैसे दादा साहेब फाल्के पुरस्कार, पद्म भूषण और संगीत-नाटक अकादमी रत्न पुरस्कार भी मिल चुके हैं।
भूपेन हजारिका असम के थे। ऐसा कम ही हुआ है कि पूर्वोत्तर भारत से निकलने वाला कोई गायक पूरे हिन्दीभाषी समाज में आकर छा जाए। भूपेन हजारिका को इस मामले में अपवाद ही कहा जा सकता है। उनका गाना ‘दिल हूम हूम करे’ आज भी लोगों की जुबां पर चढ़ा हुआ है।
उनकी प्रारंभिक शिक्षा असम में हुई थी। उसके बाद बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से उन्होंने बीए और एमए किया था। इसके बाद वह जनसंचार में पीएचडी करने कोलंबिया यूनिवर्सिटी चले गए थे।
अमेरिका में रहने के दौरान भूपेन हजारिका जाने-माने अश्वेत गायक पॉल रोबसन के संपर्क में आए। उनके गाने ‘ओल्ड मैन रिवर’ को हिंदी में ‘ओ गंगा बहती हो’ का रूप दिया गया।
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