नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेत्री कृति सेनन, आयुष्मान खुराना और राजकुमार राव के अभिनय से सजी फिल्म 'बरेली की बर्फी' आज सिनेमाघरों में रिलीज की जा रही है। कुछ वक्त पहले ही जारी किए फिल्म के ट्रेलर ने तो दर्शकों पर जैसे जादू सा चला दिया है। इसके बाद से फिल्म को लेकर उत्सुकता काफी बढ़ गई थी। इस कहानी के बारे में बात की जाए तो यह बरेली के एकता नगर में रहने वाली एक लड़की बिट्टी (कृति सेनन) के इर्द गिर्द घूमती रहती है, जो अपने माता पिता की इकलौती संतान हैं और काफी चंचल स्वभाव की हैं। बिट्टी को मनमौजी लड़की के किरदार में पेश किया गया है, जो लड़कों की तरह सिगरेट भी पीती है और शराब भी। वही अपने पिता (पंकज त्रिपाठी) की लाडली है, लेकिन उसकी मां (सीमा पाहवा) चाहती है कि उनकी बेटी के हाथ जल्द से जल्द पीले हो जाए।
वहीं दूसरी तरफ बिट्टी की शादी में काफी अड़चनें आ रही हैं। इन्हीं बातों से परेशान होकर बिट्टी घर छोड़कर भागने की फैसला करती है, लेकिन तभी उसके हाथ एक किताब 'बरेली की बर्फी' लगती है। इसे पढ़ने के बाद उसे लगता है कि इसके पात्र बिल्कुल उसके जैसे हैं। बस फिर क्या था बिट्टी को लगा कि सिर्फ इस किताब का राइटर प्रीतम विद्रोही (राजकुमार राव) ही उसे समझ सकता है। अब वह प्रीतम की तलाश में जुट जाती है। इसी दौरान उसकी मुलाकात एक प्रिटिंग प्रेस चलाने वाले चिराग दुबे (आयुष्मान खुराना) से होती है। चिराग, बिट्टी को पसंद करने लगता है और उससे कहता है कि वह प्रीतम को जानता है। इसके बाद बिट्टी, चिराग से प्रीतम को ढूंढ़ने में उसकी मदद करने के लिए कहती है और वह मान जाता है। तभी चिराग को एक आदमी मिलता है जो बिल्कुल प्रीतम जैसा दिखता है।
अब राजकुमार राव की एंट्री होती है जो बिट्टी से 'बरेली की बर्फी' का राइटर बनकर मिलता है। चिराग पहले ही प्रीतम को समझा देता कि वह किसी भी तरह बिट्टी का दिल तोड़ दे। लेकिन बिट्टी के सामने आते ही प्रीतम ऐसा नहीं करता इसके बाद शुरु होते हैं फिल्म में ट्वीस्ट। इस दौरान दर्शकों कई डायलॉगबाजी पसंद आएगी, साथ ही वह हंस हंसकर भी लोटपोट होंगे। लेकिन अब क्या फिल्म की मिठास दर्शकों तक पहुंच पाएगी? दर्शकों ने इस फिल्म से जितनी उम्मीद लगाई है क्या यह उस पर खरी उतर पाएगी? ऐसे ही कई सवालों के जवाब जानने के लिए आपको सिनेमाघरों तक का रुख करना होगा।
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