'खानदानी शफाखाना' के एक्टर बादशाह ने कहा वो खुद बेटी को देंगे यौन शिक्षा
2 अगस्त को रिलीज हो रही इस फिल्म का लक्ष्य सोनाक्षी सिन्हा के किरदार के सफर के माध्यम से इस मुद्दे पर प्रकाश डालना है कि किस तरह से भारतीय समाज सेक्स को एक वर्जित विषय के तौर पर देखता है।
नई दिल्ली: भारतीय रैप स्टार बादशाह का ऐसा मानना है कि सेक्स को एक टैबू टॉपिक के रूप में दूर नहीं रखा जाना चाहिए और उनका कहना है कि सही उम्र होने पर वह अपने बेटी के साथ इसे लेकर जरूर बात करेंगे। उनकी बेटी सोच सकती है कि "पापा को क्या हो गया अचानक से", लेकिन बादशाह की योजना इसे मजेदार बनाने की है। किस तरह से सेक्स आज भी भारत में एक वर्जित विषय है, इस पर आईएएनएस से बातचीत करते हुए बादशाह ने कहा, "क्या आप सेक्स के बारे में अपने माता-पिता से बात कर सकते हैं? मैं नहीं करता, लेकिन यह कुछ ऐसा है जो हम सभी को करनी चाहिए।"
बादशाह ने आगे कहा, "मेरी एक बेटी है और मैं इस पर उससे बात करूंगा, अवश्य ही एक सही उम्र होने पर। मैं चाहता हूं कि उसे हर कुछ पता हो। मुझे नहीं पता कैसे, शायद उसे अजीब लगे 'कि पापा को क्या हो गया अचानक से।' मैं जानता हूं कि मुझे इसे मजेदार बनाना होगा।"
बॉलीवुड में एक्टिंग के क्षेत्र में डेब्यू करने के लिए बादशाह ने एक ऐसे स्क्रिप्ट को चुना जो भारत में यौन शिक्षा के मुद्दे पर आधारित है। वह अपनी डेब्यू फिल्म 'खानदानी शफाखाना' में पंजाबी पॉपस्टार गबरू घातक के रूप में दिखाई देंगे।
2 अगस्त को रिलीज हो रही इस फिल्म का लक्ष्य सोनाक्षी सिन्हा के किरदार के सफर के माध्यम से इस मुद्दे पर प्रकाश डालना है कि किस तरह से भारतीय समाज सेक्स को एक वर्जित विषय के तौर पर देखता है। फिल्म में सोनाक्षी को मृत चाचा का सेक्स क्लीनिक विरासत में मिलती है। बादशाह खुद को खुशकिस्मत मानते हैं कि बड़े होने के दौरान उन्हें यौन जीवन से संबंधित शिक्षा मिली है।
बादशाह ने कहा, "मैं काफी खुशकिस्मत था कि मेरे स्कूल में सेक्स एजुकेशन था। मैंने अपनी स्कूली पढ़ाई दिल्ली से की है। सेक्स बहुत ही नॉर्मल है।" बादशाह ने आगे कहा, "आपको विकारों, सुरक्षित यौन संबंध के अभ्यास, परिवार नियोजन की महत्ता के बारे में जानने की जरूरत है। देश की जनसंख्या को देखिए। इन सभी चीजों के बारे में हम सभी को जानने की आवश्यकता है।"
ऐसा कौन सा और मुद्दा है जो उनके दिल के करीब है? इसके जवाब में बादशाह ने कहा, "मुझे लगता है कि बेटियां आज भी एक टैबू हैं। लोग बच्चियां नहीं चाहते हैं।" बादशाह ने कहा, "जब से मैं पिता बना हूं तब से इस बारे में मुझे और भी अजीब लगने लगा है। मुझे लगता है कि 'बेटी ही अपनी है।' मुझे नहीं पता, लेकिन यह कुछ ऐसा है जिस पर मैं कुछ करना चाहता हूं।"