तीन दिन 'जेल की रोटी' खाएंगे आर्यन खान, ये रहा ऑर्थर रोड जेल का मैन्युअल
आर्यन खान और अन्य ड्रग केस के आरोपियों को इस दौरान "जेल-मैन्युअल" के मुताबिक रहना होगा।
मुंबई क्रूज शिप ड्रग केस में फंसे आर्यन खान और अन्य आरोपी फिलहाल जेल में हैं। कल कोर्ट में उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया था। अब सोमवार को सेशन्स कोर्ट में उनकी बेल के लिए वकील अपील करेंगे। आर्यन खान, अरबाज मर्चेन्ट और अन्य 4 को आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 1 के सेल नंबर 3 में रखा गया है, जो आइसोलेशन वार्ड है।
इस सेल में आर्यन खान को 5 दिन रखा जाएगा। अगर तब तक मुंबई सत्र न्यायालय से उन्हें जमानत नहीं मिली तो उसके बाद आर्यन खान और अन्य अंडरट्रायल आरोपियों को "चिल्लर बैरक" यानि छुट्टा बैरक में शिफ्ट किया जाएगा और अगर 5 दिन के पहले जमानत हो गई तो इसी आइसोलेशन सेल से आर्यन खान को जमानत देकर घर जाने दिया जाएगा।
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आर्यन खान और अन्य ड्रग केस के आरोपियों को इस दौरान "जेल-मैन्युअल" के मुताबिक रहना होगा। सुबह 6 बजे उठकर फ्रेश होना, 7 बजे नाश्ता करना, 11 बजे तक लंच, शाम 3 बजे फिर चाय, 6 बजे डिनर, जो कि 8 बजे तक खत्म करना होता है।
अमूमन आर्थर रोड जेल जोकि साल 1925 में अंग्रेजों के द्वारा बनाई गई अंडर ट्रायल जेल है, इसमें अंडर ट्रायल मुजरिमों को नाश्ते और खाने के बाद उनके बैरक यानि सेल से बाहर निकाला जाता है, ताकि वो जेल के अंदर की केटिंग, अस्पताल, गार्डन में घूम सकें, लेकिन आर्यन खान के मामले में ऐसा तब तक नहीं होगा, जब तक उनका कोविड आइसोलेशन का 5 दिन का टर्म पूरा नहीं हो जाता।
इस आइसोलेशन बैरक, जिसमें 3 सेल हैं, हर आए अंडर ट्रायल मुजरिमों को रखा जाता है, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से आर्यन और उनके साथ ड्रग केस में अन्य 4 आरोपियों को एक अलग सेल में रखा गया है। इस ग्रुप के साथ कोई और आरोपी नहीं है। इस सेल में एक ही पंखा, एक ही बाथरूम और सोने के लिए कंबल, चद्दर, तकिया दिया जाता है।
आरोपियों को जेल का कपड़ा नहीं मिलता, क्योंकि ये अंडर ट्रायल जेल है। इसलिए यहां आर्यन घर का अपना कपड़ा पहन सकते हैं, लेकिन उन्हें खाना जेल का ही खाना होगा। जेल के बाहर गेट पर एक "जमानत पत्र पेटी" यानि बेल आर्डर बॉक्स रखा गया है, जिसमें कोर्ट आर्डर मिलने के बाद अंडर ट्रायल मुजरिमों की जमानत के आर्डर की कॉपी डाली जाती है, लेकिन इसका भी नियम है।
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छुट्टी के दिन यानि रविवार और सरकारी अवकाश के दिन सुबह साढ़े पांच बजे ये बॉक्स खुलता है और अलग-अलग मुजरिमों के जमानत के आर्डर की कॉपी जेलर तक पहुंचाई जाती है और फिर उसके जमानत की जेल की प्रक्रियाएं पूरी की जाती है। वीक डेज यानि सोमवार से शनिवार तक सुबह साढ़े पांच से साढ़े 10 बजे तक और दोपहर साढ़े तीन बजे से शाम 5 बजे तक ही ये बेल आर्डर बॉक्स खुलता है। शाम 5 बजे के बाद अगर किसी आरोपी के बेल आर्डर की कॉपी आती भी है तो जेल मैन्युअल के मुताबिक उसे दूसरे दिन सुबह साढ़े पांच बजे ही खोलकर जेलर की टेबल पर रखा जाता है।
इस हिसाब से आर्यन खान के वकील अगर सोमवार 11 अक्टूबर को मुंबई सत्र न्यायालय से बेल आर्डर शाम 4 बजे तक ले लेते हैं, तभी वो आर्थर रोड जेल के बेल ऑर्डर बॉक्स में जा पायेगा और आर्यन की जमानत सोमवार को हो पाएगी, वरना मंगलवार 12 अक्टूबर तक का इन्तजार करना पड़ेगा।