श्रीदेवी के निधन के बाद इस वजह से जाह्ववी और खुशी के साथ खड़े रहे अर्जुन कपूर
श्रीदेवी के निधन के बाद अर्जुन कपूर दोनों बहनों जाह्नवी और खुशी के साथ सपोर्ट सिस्टम बने खड़े रहे थे। वह इस मुश्किल समय में पिता बोनी कपूर का भी सहारा बने।
बॉलीवुड एक्टर अर्जुन कपूर अपने परिवार से बहुत प्यार करते हैं। मां के निधन के बाद वह बहुत टूट गए थे। वह अपनी बहन अंशुला के साथ रहते हैं। 2018 में श्रीदेवी के निधन के बाद अर्जुन बहन जाह्नवी कपूर और खुशी के साथ सपोर्ट बनकर खड़े रहे। सिर्फ इतना ही नहीं मुश्किल समय में उन्होंने अपने पिता बोनी कपूर का हाथ भी थामा।
अर्जुन कपूर ने पिंकविला को दिए इंटरव्यू में बताया कि वह क्यो जाह्नवी और खुशी के साथ खड़े रहे। अर्जुन ने कहा- वह वहीं करना चाहते थे जो सही था।आप हमेशा डॉट्स से कनेक्ट नहीं होते हैं। मैंने परिस्थितियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिस तरह से वे वास्तविक समय में हुए थे। आज से कुछ साल बाद, लोगों के लिए इसका आकलन करना आसान है। मेरी मां ने मुझे अच्छा इंसान बनना सिखाया, जितना संभव हो अन्य लोगों के लिए सभ्य होना चाहिए। उस समय मुझे उनका सपोर्ट करना सही लगा। पिता के साथ एक शुरूआत करने के लिए।इसका मतलब यह भी था कि हमें ख़ुशी और जान्हवी को जानने का मौका मिला। मैंने जिंदगी देखी है इससे ही मिच्यौरिटी आई। अगर एक समय पर मेरी जिंदगी हिल गई थी और अब मैं किसी और को संभाल सकता हूं ताकि वह नरक से ना गुजरे जिससे मैं निकला हूं तो मैंने वहीं किया।
अर्जुन ने आगे कहा- काश कोई मेरे साथ भी तो होता जब मेरी मां मोना शौरी का निधन हुआ था। मुझे पता है जब आपके साथ ऐसा कुछ होता है तो आपको अपने आस-पास लोगों की जरुरत होती है। मेरे पास ज्यादा लोग नहीं थे जब ये हुआ था। मेरे पास भी काश कोई होता जो मुझे इससे निकलने में गाइड करता। मुझे उम्मीद है कि मैं समझदारी दिखाकर जाह्नवी को उस बुरे समय से निकालने में मदद कर सका।मैं अपनी मां के बेटे होने पर बहुत गर्व महसूस करता हूं। यदि मैं किसी और के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अपने जीवन के दुर्भाग्यपूर्ण हिस्से का उपयोग करने में सक्षम हूं, तो मैं हमेशा यही करूंगा।
कॉफी विद करण में अर्जुन कपूर ने श्रीदेवी के निधन के बारे में बात की थी। उन्होंने कहा था- एक पल ने सबकुछ बदलकर रख दिया था। मैं इस पल से गुजरा हूं। मैं नहीं चाहता कि मेरा दुश्मन भी इस दर्द से गुजरे। मैंने और अंशुला ने पूरी ईमानदारी से सबकुछ किया क्योंकि हम जानते थे कि उस समय किसी की जरूरत होगी। हमारे पास ऐसा नहीं था, लेकिन इसका मतलब यह है कि जान्हवी और ख़ुशी के साथ भी कोई ना हो। मेरी माँ अगर जीवित होती तो वह पहली बात वह यही कहती कि वहां जाओ, कोई भी शिकायत न रखें; जिंदगी बहुत छोटी है