जब पहली बार मैं ट्रोल हुआ था तो मुझे बहुत अजीब लगा था, यार मैंने क्या किया है, मुझे ऐसा क्यों बोल रहे हैं? मैंने क्या बिगाड़ा है? मैं बहुत कन्फ्यूज हो गया था, कि बहुत कॉम्प्लेक्स है ये। ये बहुत टॉक्सिक एनर्जी है। फिर मैंने महसूस किया सोशल मीडिया एक घर है, अगर आपने घर का दरवाजा खुला छोड़ा, अब जो इंसान है अपना ओपिनियन तो रखता है। अगर आप दरवाजा खोलेंगे तो आपको ओपिनियन तो मिलेगी ही। लेकिन ये आपको अपने हिसाब से जज करना होता है कि ये सही है या ये कमेंट गलत है। जब अंतिम स्टार्ट हो रही थी तो ट्विटर पर ट्रेंड हुआ, वी डोंट वांट आयुष शर्मा इन अंतिम। मुझे ऐसा लगा अभी तो मेरा काम शुरू भी नहीं हुआ है, अभी एक दिन भी नहीं हुआ है मुझे सेट पर मुझे क्यों निकाल रहे हो। मुझे ट्रोल क्यों कर रहे हो? उस ट्रोल को देखकर मैंने फैसला किया अब तो मैं करूंगा ये। नजर तो मुझपर है। लोग मुझे देख रहे हैं और अगर मैंने अच्छा काम किया तो लोग मेरी तारीफ भी करेंगे। कहीं ना कहीं सोशल मीडिया पर अगर पर्सनल लाइफ पर कमेंट कर रहे हैं तो नहीं पढ़ना चाहिए लेकिन काम पर क्रिटिसिज्म मिले तो पढ़ना चाहिए।
आयुष शर्मा ने बताया कि अंतिम फिल्म साइन करने के बाद जो सबसे पहला काम उन्होंने किया वो था अपनी पहली फिल्म लवयात्रि के रिव्यू पढ़ना।
आयुष ने बताया कि उन्होंने अपने रिव्यूज पढ़ें और जो-जो कमियां क्रिटिक्स ने बताई थीं उसका मैंने नोट बनाया और फिर तैयारी शुरू की। आयुष ने बताया कि उस नोट का मैंने वॉलपेपर बनाया था। जिससे मैं वो इम्प्रूव कर सकूं अगली फिल्म में, क्योंकि मैं खुद को एक्टर नहीं स्टूडेंट मानता हूं।
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