Watch: दादा साहेब फाल्के पुरस्कार मिलने के बाद अमिताभ बच्चन ने पूछा ये सवाल
अमिताभ बच्चन को हिंदी सिनेमा में अभूतपूर्व योगदान देने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सिनेमा के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया।
मुंबई: बॉलीवुड के मेगास्टार अमिताभ बच्चन को रविवार को 50वें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें हिंदी सिनेमा में अभूतपूर्व योगदान देने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सिनेमा के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया। इसके बाद बिग बी ने उनका और फैंस का शुक्रिया अदा करते हुए स्पीच दी। इस दौरान उन्होंने एक ऐसा सवाल पूछा, जिसे सुनकर समारोह में मौजूद लोग मुस्कुरा उठे।
अमिताभ बच्चन ने सबसे पहले वहां मौजूद लोगों का आभार व्यक्त किया। इसके बाद उन्होंने भारत सरकार का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, 'ईश्वर की कृपा रही है, माता-पिता का आशीर्वाद रहा है, फिल्म उद्योग के सभी निर्माता-निर्देशक और सह-कलाकारों का साथ रहा है, लेकिन सबसे ज्यादा भारत की जनता का स्नेह और निष्ठापूर्ण प्रोत्साहन रहा है, जिसका वजह से मैं आज यहां खड़ा हूं। दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की स्थापना 50 साल पहले हुई थी और इतने ही वर्ष मुझे इस फिल्म उद्योग में काम करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है, इसका मैं आभारी हूं। इस पुरस्कार को मैं बहुत ही विनम्रता से स्वीकार करता हूं।'
बिग बी ने स्पीच के अंत में कहा, 'जब इस पुरस्कार की घोषणा हुई तो मेरे मन में एक संदेह उठा कि क्या कहीं ये संकेत है मेरे लिए कि भाईसाहब अब आपने बहुत काम कर लिया है, अब आप आराम करिए। देवियों और सज्जनों.. अभी भी थोड़ा-बहुत काम बाकी है, जिसे मुझे पूरा करना है और आगे भी ऐसी संभावना बन रही है, जहां मुझे काम करने का अवसर मिलेगा। तो यदि इस बात की पुष्टि हो जाए तो बड़ी बात होगी।'
इस बात को सुनकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ-साथ वहां मौजूद लोग भी मुस्कुरा उठे।
बता दें कि अमिताभ बच्चन को 23 दिसंबर को राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह के दौरान ही पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाना था, लेकिन खराब सेहत के लिए बिग बी समारोह में सम्मिलित नहीं हो पाए थे।
अमिताभ बच्चन के हिंदी सिनेमा में योगदान की बात करें तो उन्होंने अनगिनत फिल्मों में काम किया है। उन्होंने 'जंजीर', 'दीवार', 'शोले', 'शहंशाह', 'कुली', 'मर्द', 'सूर्यवंशम', 'अमर अकबर और एंथनी' 'डॉन', 'रोटी कपड़ा और मकान', 'मुकद्दर का सिकंदर', 'अजूबा', 'सिलसिला', 'अग्निपथ', 'कालिया', 'नमक हलाल' 'बागबान' और 'कभी खुशी कभी गम', 'पिंक', 'पा' समेत कई सारी फिल्में की हैं। उनकी अदाकारी के लोग आज भी कायल हैं। उनके पुराने डायलॉग्स और गानें आज भी सुपरहिट हैं।