मुंबई: बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने गुरुवार को अपनी मां तेजी बच्चन के अंतिम पलों को याद किया। बिग ने अपने ब्लॉग पर लिखा, ‘‘वह सुबह मां पर भारी थी क्योंकि वह अपनी डूबती सांसों को थामने के लिए संघर्ष कर रही थीं। चिकित्सक लगातार उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे थे। और उनका दिल रह रहकर धड़कता था। उनका शरीर निस्तेज हो रहा था। उनकी डूबती सांसों को वापस लाने के लिए उनके सीने को पूरी ताकत से पंप किया जा रहा था, जो मुझसे देखा नहीं जा रहा था। मशीन ने जवाब दे दिया था और उन्हें बचाने की कोशिश करने वाले हाथ बदल रहे थे। मां का जीवन एक क्षण के लिये रुका और फिर वापस आया। उनके सीने को पहले से ज्यादा ताकत से हाथों से लगातार दबाया जा रहा था। यह मेरे लिये असहनीय हो गया था। हम एक दूसरे का हाथ पकड़े, उन्हें जाते हुए देख रहे थे।’’
बच्चन ने अपनी मां को एक ‘योद्धा’ बताया, जिन्होंने अपने बच्चों को हर परेशानी से महफूज रखा। उन्होंने कहा, ‘‘ब्रह्मांड की सबसे सुंदर मां, वह योद्धा थीं, जो शेरनी की तरह अपने शावकों को बचाती रहीं। वह बेहद स्टाइलिश और आधुनिकता की मिसाल होने के बावजूद अपने संस्कारों और संस्कृति से बंधी थीं, अंतत: वह चली गईं।’’
तेजी एक समाज सेविका थीं। उनका जन्म पंजाब के फैसलाबाद के एक खत्री सिख पंजाबी परिवार में हुआ था। उनका विवाह 1941 में हरिवंश राय बच्चन के साथ हुआ। उन्होंने हरिवंश राय बच्चन द्वारा किए गए ‘मैकबेथ’ के हिंदी रूपांतरण में लेडी मैकबेथ का किरदार निभाया था। इसके अलावा उन्होंने अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘कभी-कभी’ में मेहमान भूमिका निभाई थी। लंबी बीमारी के बाद 93 साल की उम्र में 21 दिसंबर 2007 को तेजी का निधन हुआ।
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