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आदित्य के लिए अपनी एथलेटिक काया छोड़ बॉडी स्कल्पटिंग करना आसान नहीं था। इसके लिए उन पर सही में फितूर छाया था, फितूर का मतलब एक तरीके का सनक ही होता है। इसी फितूर पर ही पूरी फिल्म ही बनी है। जिसकी झलक हमने आदित्य राय कपूर के शरीर में हुए ट्रांसफार्मेशन को देखकर लगा सकते हैं।
सूत्रों की मानें तो फिल्म वैलेंनटाइन डे के करीब रिलीज हो रही है। कश्मीर की वादियों में छाया प्रेम और उसका फितूर युवाओं के लिए ही है।
अपने बॉडी स्कल्पटिंग के बारे में आदित्य राय कपूर कहते हैं कि डायरेक्टर की डिमांड थी और उन्होंने जैसा किरदार सोचा वैसा ही मैंने खुद को ढाला। इसके लिए काफी वेट लूज करना पड़ा। वेट लूज करना ही काफी नहीं था, उसे मेनटेन करना सबसे बड़ी चुनौती होती है।
दिमाग में कभी पैक्स बनाने का सुरूर तो नहीं था पर बॉडी स्कल्पटिंग का फितूर जरूर चढ़ गया। कभी-कभी इरिटेशन भी होती थी, पर यह तो होता ही है, क्योंकि शरीर जो बदल रहा था। जब मनचाहे शेप में शरीर आ गया तो 'फील गुड' होने लगा।
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