कोच्चि: मलयालम अभिनेत्री के अपहरण मामले में आठवें आरोपी सुपरस्टार दिलीप ने बुधवार को केरल उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल कर मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की। अदालत में इस पर गुरुवार को विचार किए जाने की उम्मीद है। दिलीप ने कहा है कि उन्हें मामले में पुलिस ने फंसाया है और उनकी इसमें कोई भूमिका नहीं है। इस बीच अभियोजन पक्ष मामले में दिलीप को अदालत के समक्ष पेश करने की तैयारी में है। अभियोजन पक्ष का कहना है कि एक आरोपी को मामले में यह तय करने का कोई अधिकार नहीं है कि किस प्रकार की जांच होनी चाहिए और इसके अलावा यह मामले में मुकदमे में देर करनी की चाल है। मामला जल्द शुरू होने वाला है।
पुलिस जांच दल पहले ही मामले में विस्तृत आरोप पत्र दाखिल कर चुका है और अदालत ने 14 मार्च को मामले में सभी आरोपियों को सम्मन किया है। यह मुकदमा शुरू होने से पहले का एक सामान्य नियम है। दिलीप को 10 जुलाई, 2017 को दो चरण की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था। उन्हें मलयालम अभिनेत्री के अपहण में कथित साजिश रचने की भूमिका को लेकर गिरफ्तार किया गया। दिलीप की पूर्व पत्नी मंजू वारियर भी मामले के गवाहों में एक है। दिलीप 85 दिन जेल में रहने के बाद तीन अक्टूबर, 2017 को जमानत पर रिहा हुए।
अभिनेत्री का त्रिशूर से कोच्चि जाने के दौरान बीते साल 17 फरवरी को कथित तौर पर अपहरण किया गया था। मामले का प्रमुख आरोपी पलसर सुनी अभिनेत्री को निर्देशक व अभिनेता लाल के घर के पास छोड़ने से पहले करीब दो घंटे उसे गाड़ी में घुमाता रहा। निर्देशक लाल ने बाद में पुलिस को बुलाया।
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