67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह के दौरान साउथ की कलाकारों की धूम रही। सुपरस्टार रजनीकांत को दादा साहब फाल्के पुस्कार से नवाजा गया, वहीं तमिल फिल्म 'असुरन' के लिए धुनष को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला।
दक्षिण के सुपरस्टार रजनीकांत को भारतीय सिनेमा की दुनिया में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए भारत का सर्वोच्च फिल्म सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार दिया गया। इस पुरस्कार से सम्मानित होने पर दिग्गज अभिनेता को स्टैंडिंग ओवेशन मिला।
इस मौके पर रजनीकांत की पत्नी लता और बेटी सौंदर्या रजनीकांत भी मौजूद थीं। सम्मान मिलने के बाद रजनीकांत ने केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा, "मैं इस सबसे प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार को प्राप्त करके बेहद खुश हूं। माननीय केंद्र सरकार को मेरा धन्यवाद। मैं इस पुरस्कार को अपने मेंटर, मेरे गुरु के. बालचंदर को समर्पित करता हूं। इस क्षण, मैं उन्हें और मेरे भाई सत्यनारायण गायकवाड़ को बहुत कृतज्ञता के साथ याद कर रहा हूं, जो मेरे पिता की तरह हैं, जिन्होंने मुझे महान मूल्यों और आध्यात्मिकता की शिक्षा देकर मेरा पालन-पोषण किया।"
रजनीकांत ने कर्नाटक के पुराने दोस्तों, बस परिवहन चालकों और उनके पुराने सहयोगी राजबहादुर को भी याद किया।
उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों को भी याद किया। रजनीकांत ने कहा, "जब मैं बस कंडक्टर था, उन्होंने मुझमें अभिनय प्रतिभा की पहचान की और मुझे सिनेमा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया।"
वहीं विजय सेतुपति को 'सुपर डीलक्स' में उनके प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार दिया गया।
बता दें महामारी के कारण 67वें राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में देरी हुई, जिसके बाद सोमवार को पुरस्कार प्रदान किए गए।
इनपुट-आईएएनएस
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