मानव तस्करी मामला: कोर्ट ने दलेर मेहंदी को दी बड़ी राहत, सजा पर लगाई रोक
कबूतरबाजी मामले में पटियाला सेशंस कोर्ट ने दलेर मेहंदी को बड़ी राहत दी है...
पटियाला: कबूतरबाजी मामले में पटियाला की सेशंस कोर्ट ने दलेर मेहंदी को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने मेहंदी की सजा पर रोक लगा दी है और साथ ही कहा है कि केस के निपटारे तक वह जमानत पर ही रहेंगे। जस्टिस राजीव कालरा ने दलेर मेहंदी की सजा पर रोक लगाई है। इससे पहले मेहंदी को मानव तस्करी मामले में लगे आरोप की सुनवाई करते हुए पंजाब की पटियाला कोर्ट ने दोषी करार दिया था और उन्हें 2 साल की सजा सुनाई थी। गौरतलब है कि 2003 में पॉप सिंगर दलेर मेहंदी पर कुछ लोगों को गैर कानूनी तरीके से मानव तस्करी के माध्यम से अमेरिका ले जाने का आरोप लगा था। लेकिन चूंकि सजा 3 साल से कम हुई थी इसलिए मेहंदी को दोषी करार पाए जाने और 2 साल की सजा होने के बाद भी जमानत मिल गई थी।
2003 का मामला, 2018 में दोषी करार, जानिए क्या कहता है कानून
कानून के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को 3 साल से कम सजा मिलती है तो उसे उसी दिन जमानत मिल सकती है। गौरतलब है कि 19 सितंबर 2003 को मानव तस्करी मामले में केस दर्ज कराया गया था और इस पूरे मामलें की सुनवाई करते हुए पटियाला कोर्ट ने दलेर मेहंदी को 2 साल की सजा का ऐलान किया था। पटियाला कोर्ट ने मानव तस्करी मामलें में दलेर मेहंदी को दोषी करार दे दिया लेकिन चूंकि उनको 3 साल से कम सजा हुई थी इसलिए जमानत के बाद वह उनके पास ऊपरी अदालत में जाने का विकल्प भी था।
क्या आरोप लगे थे?
दलेर मेहंदी पर संगीत की आड़ में मानव तस्करी करने का आरोप लगाया गया था। उन पर आरोप था कि वह 10 लोगों को मानव तस्करी के माध्यम से गैर कानूनी तरीके से अमेरिका ले गए थे। इस मामले में 19 अक्टूबर को दलेर मेहंदी पर केस दर्ज कराया गया था। इस केस मामलें में दलेर मेहंदी समेत 4 लोगों पर केस चल रहा था, जिसमें से 2 लोगों की केस चलने के दौरान मौत हो गई थी। इसमे से एक आरोपी को कोर्ट ने दोष मुक्त करार दिया है। इस तरह से दलेर मेहंदी कबूतरबाजी, मानव तस्करी करने के आरोप में दोषी करार दिए गए है।
बख्शीश सिंह ने मामला दर्ज कराया और 15 साल बाद आया बड़ा फैसला
दलेर मेहंदी पर इस पूरे मामलें में बख्शीश सिंह ने सबसे पहले केस दर्ज कराया था। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि इन्होंने मुझे बाहर भेजने लिए पैसे लिए थे लेकिन ना तो बाहर भेजा और ना ही पैसे वापस दिए जिसके बाद उन्होंने इस पूरे मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले में अदालत ने 15 साल बाद अपना फैसला सुनाते हुए सजा दी थी, जिसपर फिलहाल रोक लगा दी गई है।