नॉर्थ ईस्ट में चला मोदी मैजिक, 25 साल बाद सत्ता से आउट हुई लेफ्ट, अपने दम पर सरकार बनाएगी BJP
तीन पूर्वोत्त्तर राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे आज भाजपा के लिए अच्छी खबर लेकर आए। त्रिपुरा में भगवा रंग लाल सलाम पर भारी पड़ा...
अगरतला/शिलांग/कोहिमा: आज का चुनाव सिर्फ चुनाव नहीं है ये विचारधारा की लड़ाई थी। ये लेफ्ट और राइट के बीच विचारों के मतभेद की जंग जिसमें बीजेपी जीत गई। 25 साल तक देश का एक राज्य लाल रंग के कब्जे में था। देश के बड़े-बड़े पंडित भी दावा नहीं कर सकते थे कि बीजेपी त्रिपुरा में केसरिया परचम फहरा देगी। आज देश में एक नारा गूंज रहा है कि हिंदुस्तान को 1947 में आजादी मिली लेकिन त्रिपुरा को आजादी मिली है 3 मार्च को। आरएसएस कल तक कहती थी त्रिपुरा लाल सलाम का गुलाम है आज संघ के स्वंय सेवक रह रहे थे लाल किले पर केसरिया लहरा रहा है। हिंदुस्तान की सियासत मे आज वो दिन है जो लेफ्ट था वो राइट हो गया और वामपंथ का जो गढ था उसने नरेंद्र मोदी को अपना नायक मान लिया है।
तीन पूर्वोत्त्तर राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे आज भाजपा के लिए अच्छी खबर लेकर आए। त्रिपुरा में भगवा रंग लाल सलाम पर भारी पड़ा और भाजपा ने राज्य में 25 साल के वाम शासन को उखाड़कर अकेले दम बहुमत हासिल किया। नगालैंड में भाजपा को सरकार में शामिल होने का न्यौता मिला। हालांकि मेघालय में किसी दल को बहुमत नहीं मिला और वहां चुनाव परिणाम त्रिशंकु विधानसभा के रूप में निकला।
किसको कितनी सीटें?
त्रिपुरा 59/59
BJP+ 43
सीपीएम+ 16
कांग्रेस 0
अन्य 0
तीनों राज्यों में 60-60 सदस्यीय विधानसभा हैं और विभिन्न कारणों से तीनों ही राज्यों में 59-59 सीटों पर मतदान हुआ। त्रिपुरा में लगातार 25 साल तक राज करने वाली माकपा को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा।
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‘यह शून्य से शिखर तक की यात्रा है’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा की शानदार जीत पर दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यह शून्य से शिखर तक की यात्रा है।’’ उन्होंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को पार्टी की विजय यात्रा का ‘‘शिल्पकार’’ करार दिया। वहीं, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने कहा कि पूर्वोत्तर में उनकी पार्टी के प्रदर्शन से संकेत गया है कि भाजपा जन-जन की पार्टी बन चुकी है।
नगालैंड में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति
नगालैंड में भी त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति है क्योंकि किसी भी दल या चुनाव पूर्व गठबंधन के खाते में बहुमत नहीं दिख रहा है। हालांकि भाजपा को एनपीएफ नेता एवं मुख्यमंत्री टीआर जेलियांग ने नयी सरकार में शामिल होने का न्यौता दिया। एनपीएफ 27 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। चुनाव से ठीक पहले भाजपा एनपीएफ से अलग हो गई थी और नेफियू रियो की नई पार्टी एनडीपीपी से हाथ मिला लिया था।
विधानसभा चुनाव 2018: नागालैंड चुनाव परिणाम एक क्लिक में जानिए कौन कहां जीता?
किसको कितनी सीटें?
नागालैंड 60/60
NPF 27
BJP+ 28
कांग्रेस 0
अन्य 4
जेलियांग ने कहा कि एनपीएफ भाजपा नीत नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस का लगातार हिस्सा रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भगवा दल एनपीएफ के साथ नई सरकार बनाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम गठबंधन से अलग नहीं हुए हैं। मुझे उम्मीद है कि भाजपा हमारी सरकार में शामिल होगी। यदि वह शामिल होती है तो मैं इसका स्वागत करूंगा।’’
मेघालय में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी
वहीं, मेघालय में मई 2009 से सत्तारूढ़ कांग्रेस बहुमत हासिल करने में विफल रही, लेकिन 21 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। शरद पवार की राकांपा ने एक सीट जीती है। मेघालय में भाजपा महज दो सीट हासिल कर पाई है, लेकिन इसकी नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस सहयोगी नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की है।
किसको कितनी सीटें?
मेघायल 59/59
कांग्रेस 21
BJP 2
NPP 19
अन्य 17
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13 सीट जीतने वाले छोटे दल तथा तीन निर्दलीय सरकार गठन में निर्णायक भूमिका निभाएंगे। कांग्रेस सरकार के गठन की संभावना तलाशने शिलांग भेजे गए वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि सदन में बहुमत साबित करने के लिए पार्टी के पास आवश्यक संख्या में विधायक हैं। उन्होंने शिलांग में टीवी चैनलों से कहा, ‘‘सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते राज्यपाल को सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को आमंत्रित करना चाहिए। राज्यपाल के कहे जाने पर हम किसी भी समय अपना बहुमत साबित कर देंगे।’’ कमलनाथ ने कहा, ‘‘भाजपा मैदान से बाहर है। हम सुनिश्चित करेंगे कि जनभावना के अनुरूप सरकार बने।’’