त्रिपुरा चुनाव: मजलिशपुर में युवा नेता माकपा से टकराने को तैयार
12वीं तक पढ़े माणिक डे ने 1988 में मजलिशपुर सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह कांग्रेस के दीपक नाग से मात्र 306 वोटों से चुनाव हार गए थे, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने क्षेत्र की जनता के लिए काम किया और 1998 में चुनाव जीतकर इस सीट का माकपा के लाल रंग में र
नई दिल्ली: त्रिपुरा विधानसभा चुनाव-2018 सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के साथ-साथ राज्य सरकार के मंत्रियों के लिए खासा चुनौतीपूर्ण होने जा रहा है। सरकार के साथ पार्टी के कद्दावर नेताओं की किस्मत भी चुनाव के मैदान में दांव पर लगी है। इस सूची में मजलिशपुर विधानसभा क्षेत्र से माकपा उम्मीदवार और वर्तमान सरकार में मंत्री माणिक डे शामिल हैं। त्रिपुरा विधानसभा सीट संख्या-10 मजलिशपुर। पश्चिम त्रिपुरा लोकसभा सीट के अंग मजलिशपुर निर्वाचन क्षेत्र की कुल मतदाता संख्या 45,55 हैं। इस दफा चुनावों में 22,854 पुरुष मतदाता और 22701 महिला मतदाता अपने मतों का प्रयोग कर नए विधायक का चुनाव करेंगे।
बात करें क्षेत्रीय राजनीति की, तो 1972 में पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त होने के बाद 1977 में यहां पहली बार विधानसभा चुनाव हुए, जिसमें माकपा के खगेन दास ने कांग्रेस को हराकर जीत हासिल की। इसके बाद 1983 में भी उन्होंने जीत दर्ज की, लेकिन 1988 में कांग्रेस के दीपक नाग ने दास की जगह चुनाव लड़ रहे माणिक डे को हराकर सीट माकपा से छीन ली और अगले चुनाव में भी इस सीट पर अपना दबदबा कायम रखा। लेकिन 1998 में माकपा की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले माणिक डे ने न सिर्फ जीत दर्ज की, बल्कि उसके बाद लगातार तीन चुनाव जीतकर खुद को पार्टी के कद्दावर नेताओं में शुमार कर दिया। माणिक डे वर्तमान वाम मोर्चे की सरकार में ऊर्जा, शहरी विकास, ग्रामीण विकास और परिवहन मंत्री का पदभार संभाल रहे हैं।
12वीं तक पढ़े माणिक डे ने 1988 में मजलिशपुर सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह कांग्रेस के दीपक नाग से मात्र 306 वोटों से चुनाव हार गए थे, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने क्षेत्र की जनता के लिए काम किया और 1998 में चुनाव जीतकर इस सीट का माकपा के लाल रंग में रंग दिया। उनका क्षेत्र की जनता पर प्रभुत्व दिखाता है कि उन्होंने 1998,2003 और 2008 में कांग्रेस के उम्मीदवार और दो बार के विधायक दीपक नाग को बड़े अंतर से हराया। माणिक हाल ही में भाजपा उम्मीदवार सुशांत चौधरी पर हमला कराने के आरोप का सामना कर रहे हैं।
वहीं इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को तीसरे स्थान पर धकेल कर मुख्य विपक्षी दल बनकर उभरी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने यहां से पार्टी के युवा नेता सुशांत चौधरी को वर्तमान सरकार में मंत्री माणिक डे के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा है। सुशांत हाल ही में युवक कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा मुख्य विपक्ष से हटकर तीसरे नंबर पर पहुंची कांग्रेस ने माकपा के दिग्गज नेता के खिलाफ युवा नेता राजीव गोपे को माकपा शासित विधानसभा क्षेत्र में अपना उम्मीदवार बनाया है। राजीव त्रिपुरा प्रदेश युवा कांग्रेस पीआरओ के राज्य सचिव हैं और एनएसयूआई केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण का हिस्सा रह चुके हैं।
वहीं इस सीट पर और किसी क्षेत्रीय दल व निर्दलीय उम्मीदवार ने नामांकन दाखिल नहीं किया है, जिससे यह चुनाव त्रिशंकु हो गया है। एक तरफ जहां माकपा के अनुभवी नेता माणिक डे, तो वहीं दूसरी सुशांत और राजीव जैसे युवा नेता मैदान में हैं। इस चुनाव में माकपा ने 57 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं, तो वहीं भाजपा ने 51 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। कांग्रेस ने सभी 60 सीटों पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान 18 फरवरी को होगा और तीन मार्च को मतों की गणना की जाएगी।