500 वोट को तरस गए कांग्रेस के आधे से ज्यादा उम्मीदवार, क्या कांग्रेस के इतिहास की यह सबसे बड़ी हार है?
कांग्रेस के सभी उम्मीदवार मिलकर भी 50000 वोटों का आंकड़ा पार नहीं कर पाए, सिर्फ 4 उम्मीदवार ऐसे रहे जो 1000 से ज्यादा वोट लेने में कामयाब रहे...
नई दिल्ली: देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल कांग्रेस का त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में प्रदर्शन देखकर आपको हैरानी होगी। जो कांग्रेस कभी पूरे देश में राज करती थी उसका त्रिपुरा विधानसभा चुनावों में ऐसा हाल हुआ है कि उसके सभी उम्मीदवारों के वोट अगर मिला लिए जाएं तो भी 50000 वोटों का आंकड़ा पार नहीं होता है। कांग्रेस का कोई भी उम्मीदवार त्रिपुरा में दूसरे नंबर पर भी नहीं आ सका है। सिर्फ 4 उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने 1000 से ज्यादा वोट लिए हैं। बाकी सभी उम्मीदवारों को वोट 1000 से कम ही हैं।
500 का भी आंकड़ा पार नहीं कर पाए आधे उम्मीदवार
त्रिपुरा में 59 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव हुआ है और कांग्रेस का प्रदर्शन ऐसा रहा है कि 59 में से 30 सीटों पर उसके उम्मीदवारों को 500 से भी कम वोट पड़े हैं। कांग्रेस हालांकि लंबे समय से त्रिपुरा में विपक्ष में रही है लेकिन फिर भी पहले के चुनावों में उसका प्रदर्शन अच्छा रहता था लेकिन इस बार कांग्रेस का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। सिर्फ त्रिपुरा ही नहीं बल्कि कांग्रेस ने देशभर में अबतक जितने भी विधानसभा चुनाव लड़े हैं उनमें त्रिपुरा जैसा प्रदर्शन कभी नहीं दिया था। 2013 के चुनावों में कांग्रेस ने त्रिपुरा में 10 सीटें जीती थी, लेकिन इस बार 2 प्रतिशत भी वोट हासिल नहीं कर सकी है।
खबर इंडिया टीवी की टीम ने कांग्रेस के प्रदर्शन के आंकड़े शाम 6 बजे तक की गणना के आधार पर तैयार किए हैं। हो सकता है फाइनल आंकड़ा आने तक इनमें कुछ बदलाव हो जाए लेकिन बहुत बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है।
बता दें कि देश के नॉर्थ ईस्ट कोने से ऐसा जनादेश आया जिसने बता दिया कि मोदी लहर पूरे देश में बरकार है। मोदी लहर नॉनस्टॉप आगे बढ़ता हुआ आज त्रिपुरा पहुंच गया। लेफ्ट की बादशाहत पर फुलस्टॉप लग चुका है। नॉर्थ ईस्ट में तीन राज्यों के नतीजे कहते हैं, कांग्रेस का बुरा हाल है और लाल सलाम ठोंकने वाली पार्टी पाताल पहुंच चुकी है।
पांच साल पहले शून्य सीट पाने वाले पार्टी आज दो तिहाऊ बहुमत से जीती। भाजपा को 2013 में डेढ़ फीसदी वोट मिले थे, सिर्फ एक सीट पर ज़मानत बची थी। आज दो तिहाई से विजय मिली। लाल रंग पर केसरिया रंग की जीत हुई है। राइट ने लेफ्ट को आउट कर दिया है।