Telangana Assembly Election results: टीआरएस को भारी बहुमत, आज है विधायक दल की बैठक
तेलंगाना विधानसभा चुनाव में तेलंगाना राष्ट्र समिति ने 119 सदस्यीय विधानसभा में 84 सीटें जीतकर प्रतिद्वंद्वियों को करारी शिकस्त दी है।
हैदराबाद: तेलंगाना विधानसभा चुनाव में तेलंगाना राष्ट्र समिति ने 119 सदस्यीय विधानसभा में 84 सीटें जीतकर प्रतिद्वंद्वियों को करारी शिकस्त दी है। टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव को आज औपचारिक रूप से पार्टी विधायक दल का नेता चुना जाएगा। उन्होंने तेलंगाना विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी को दो तिहाई बहुमत से जीत दिलायी है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि पार्टी विधायक दल की आज को सुबह साढ़े 11 बजे यहां बैठक बुलाई गई है। यह पूछे जाने पर कि राव को कब मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी तो टीआरएस के एक वरिष्ठ नेता ने मंंगलवार को कहा था ‘‘कल, वह (राव) उस पर फैसला करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह (शपथ ग्रहण) निश्चित तौर पर 15 दिसंबर से पहले होगा--15 दिसंबर के बाद शुभ दिन नहीं है।’’ इस बीच, राव ने दूसरी बार सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिये मंगलवार को राजभवन में राज्यपाल ई एस एल नरसिम्हन से मुलाकात की। राव ने निर्धारित कार्यकाल से आठ महीने पहले विधानसभा को भंग करके बड़ा राजनीतिक दांव खेला था, जिसका चुनाव में उन्हें जबर्दस्त फायदा मिला। उनकी पार्टी ने 119 सदस्यीय विधानसभा में 84 सीटें जीतकर प्रतिद्वंद्वियों को करारी शिकस्त दी है।
इस चुनाव में कांग्रेस को 18 सीटों पर जीत मिली है जबकि असदुद्दीन ओवैसी नीत एआईएमआईएम ने सात सीटों पर जीत दर्ज की है। उसने टीआरएस का समर्थन किया है। भाजपा को सिर्फ एक सीट से संतोष करना पड़ा है।
लोकप्रिय योजनाओं ने केसीआर की जीत में अहम भूमिका निभाई
टीआरएस प्रमुख द्वारा मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कई लोकप्रिय योजनाएं शुरू करने का असर मंगलवार को विधानसभा चुनाव के परिणाम में देखने को मिला। पार्टी को राज्य में जबर्दस्त जीत हासिल हुई है। राज्य में किसानों के लिए ‘रायथू बंधु’ जैसी निवेश समर्थन योजना और सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना ने टीआरएस की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। टीआरएस 119 सीटों वाली विधानसभा में 84 सीटों पर जीती है।
राव ने राज्य में कृषि क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया और किसानों के लिए ‘रायथू बंधु’ जैसी निवेश समर्थन योजना शुरू की जिसमें किसानों को प्रति वर्ष प्रति एकड़ पर 8,000 रुपये मिले और किसानों को पांच लाख रुपये का बीमा भी खास तौर पर दिया गया। इससे उनका एक वोट बैंक पूरे राज्य में खास तौर पर ग्रामीण इलाकों में बना।
इसके अलावा किसानों के लिए 24 घंटे बिजली की सुविधा सुनिश्चित करना और गरीबों के लिए दो शयनकक्ष वाले घर का निर्माण करने वाली योजना भी पार्टी के लिए फायदेमंद रही।
कांग्रेस नीत गठबंधन आशा अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सका
तेलंगाना विधानसभा चुनाव में टीआरएस के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरी कांग्रेस और तेदेपा का गठबंधन आशा अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सका। दरअसल, गठबंधन को कुल 21 सीटें ही मिली हैं। कांग्रेस ने 2014 के चुनाव में 21 सीटें जीती थी, जबकि इस बार उसे 19 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। प्रजाकुटामी(पीपुल्स फ्रंट) में शामिल नवगठित तेलंगाना जन समिति (टीजेएस) और भाकपा अपना - अपना खाता भी नहीं खोल पाई।
कांगेस और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू नीत तेदेपा ने दशकों पुरानी अपनी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता को भूला कर टीआरएस को सत्ता से बेदखल करने के लिए हाथ मिलाया था। तेदेपा के वरिष्ठ नेता रावुला चंद्रशेखर रेड्डी ने चुनाव नतीजों पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि गठबंधन को नतीजों का विश्लेषण और चुनाव में मिली हार पर आत्मावलोकन करने की जरूरत है। तेदेपा ने 2014 में भाजपा के साथ गठबंधन कर 15 सीटें जीती थी। गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और तेदेपा प्रमुख नायडू ने मतदाताओं को रिझाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी थी।
राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने चुनाव प्रचार के दौरान लोगों को गठबंधन को वोट देने के खिलाफ आगाह करते हुए इसे ‘‘तेलंगाना गौरव’’ के खिलाफ बताया था।