जयपुर: राजस्थान विधानसभा चुनावों के मंगलवार को आए नतीजों ने भाजपा नेता वसुंधरा राजे के 5 साल के शासन का अंत कर दिया। कांग्रेस ने 199 में से 99 सीटें जीतकर 5 साल बाद सूबे की सत्ता में अपनी वापसी तय कर ली। हालांकि कथित तौर पर जबर्दस्त सत्ता विरोधी लहर होने के बावजूद वह भाजपा को बड़ी हार देने में और खुद अपने दम पर बहुमत जुटाने में नाकाम रही। सबसे खास बात, सिर्फ 1 लाख 70 हजार वोटों के अंतर ने वसुंधरा से उनकी कुर्सी छीन ली।
दरअसल, राजस्थान में जीत का परचम लहराने वाली कांग्रेस को कुल 1,39,35, 201 वोट मिले, जबकि भाजपा को 1,37,57,502 वोट मिले हैं। ऐसे में 1.70 लाख से कुछ ज्यादा वोटों के अंतर से भाजपा यहां सत्ता से बाहर हो गई। राज्य विधानसभा के 199 निर्वाचन क्षेत्रों में कांग्रेस को 39.3 फीसदी वोट मिले और भारतीय जनता पार्टी को 38.8 फीसदी वोट मिले। इस तरह बहुत ही कम अंतर से मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी आनंद कुमार ने बुधवार को कहा कि 4,67,781 लाख वोट नोटा (NOTA) में पड़े, जो कुल वोटों का 1.3 फीसदी है।
निर्दलीयों को 9.5 फीसदी वोट (33,72,206) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को 4 फीसदी (14,10,995 मत) वोट मिले। राजस्थान में सात दिसंबर को कुल 74.69 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। आंकड़ों से पता चलता है कि निर्दलीयों और बसपा ने कांग्रेस व भाजपा का खेल बिगाड़ने का काम किया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को .2 फीसदी वोट मिले और इतना ही समाजवादी पार्टी को मिले। राज्य में कांग्रेस सरकार बनाने की तैयारी कर रही है। (IANS)
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