जयपुर: राजस्थान में एक तरफ वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी है तो दूसरी तरफ कांग्रेस इसका फायदा उठाकर सत्ता में आने की कोशिश में है। ऐसे में कांग्रेस को सबसे ज्यादा अपने भीतर का समीकरण ठीक से बनाए रखने की जरूरत है। कांग्रेस की ओर से सीएम पद को लेकर पहले दो दावेदार माने जा रहे थे लेकिन अब सात माने जा रहे हैं। कांग्रेस के दिग्गज नेता अशोक गहलोत ने बयान दिया कि सीएम के दावेदार वे और सचिन पायलट ही नहीं बल्कि पांच और भी नेता हैं।
गहलोत से सवाल किया गया था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो सीएम कौन बनेगा? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि पहले तो दो ही दावेदार थे, अब पांच और दावेदार हो गए है। उन्होंने नए दावेदारों के नाम भी गिनाए। उन्होंने कहा कि रघु शर्मा, सी पी जोशी, गिरिजा व्यास, लालचंद कटारिया और रामेश्वर डूडी भी मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में है।
माना जा रहा है कि गहलोत ने अपने इस बयान से OBC से लेकर ब्राह्मण, जाट और गुर्जर समुदाय को सीएम बनाने की सपना दिखाकर वोट बैंक पक्का करने की चाल चली है। गहलोत ने कहा कि चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष के नाते रघु शर्मा सीएम बन सकते हैं। उन्होंने जोशी और गिरिजा व्यास का नाम भी सीएम पद के लिए लिया। तीनों नेताओं को सीएम का दावेदार बताने का मकसद 8 फीसदी ब्राह्मण वोट बैंक को पार्टी के साथ जोड़ना हो सकता है।
गहलोत माली समाज से आते हैं । उन्हें माली सहित ओबीसी में शामिल अन्य जातियों का सबसे बड़ा चेहरा माना जाता है। ऐसे में गहलोत के नाम से इन दोनों जातियों के वोट बैंक को हासिल करने की कोशिश होगी, वहीं सचिन पायलट के जरिए गुर्जर वोटों को साधने की रणनीति बनाई है। इसके अलावा जाटों को साधने के लिए कांग्रेस ने डूडी और कटारिया के नाम को आगे बढ़ाया है।