नोएडाः उत्तर प्रदेश का आजमगढ़ सदर विधानसभा क्षेत्र समाजवादी पार्टी का मजबूत गढ़ रहा है । सपा के दुर्गा प्रसाद यादव आठ पर इस सीट से विधायक रह चुके हैं । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है । ऐसे में बेहद लाजमी है कि आजमगढ़ सदर विधानसभा सीट को लेकर अवश्य चर्चा की जाए । 2022 के चुनाव में इस सीट पर 7 मार्च को मतदान होना है । सभी सियासी दल यहां जीत की जुगत में जुट चुके हैं । वोटिंग से पहले इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम ने इस विधानसभा क्षेत्र की जनता के बीच पहुंचकर यहां के हालात का जायजा लिया ।
क्या बोली आजमगढ़ की जनता?
आजमगढ़ के एक मुस्लिम युवक ने बताया कि सबसे पहले इस इलाके से गुंडाराज पूरी तरह से खत्म हो चुका है । पहले आतंकियों का गढ़ कहा जाता था । वहीं क्षेत्र के युवाओं ने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में आजमगढ़ के लिए जो कार्य भारतीय जनता पार्टी के द्वारा किया गया है । वैसा काम इससे पहले की सरकारों में नहीं हुआ । इलाके के अन्य युवक ने बताया कि यहां पीने की पानी की बढ़ी समस्या है । कई-कई दिनों तक हमारे घरों में पानी नहीं आता । स्थानीय युवक के मुताबिक पहले की सरकारों में केवल यादवों को ही रोजगार मिलता था । लेकिन भाजपा सरकार में भले ही कम नौकरियां दी गई लेकिन सही व्यक्ति को नौकरी पर रखा गया ।
सियासी इतिहास
आजमगढ़ में कभी कांग्रेस का दबदबा हुआ करता था । लेकिन बदलते समय के साथ यह समाजवादी पार्टी के गढ़ के रूप में तबदील हो गया । सपा नेता और यूपी सरकार में पूर्व मंत्री रहे दुर्गा प्रसाद यादव आठ दफे इस सीट से विधानसभा पहुंच चुके हैं । दुर्गा प्रसाद 1996 में सपा में शामिल हुए थे । उसके बाद से 2017 तक लगातार पांच बार यहां से विधायक निर्वाचित हो रहे हैं ।
2017 का जनादेश
आजमगढ़ एक यादव बाहुल्य सीट के तौर पर जानी जाती है । 2017 में जबरदस्त मोदी लहर के बावजूद यहां दुर्गा प्रसाद यादव का दबदबा कायम रहा । उन्होंने चुनाव में भाजपा के अखिलेश मिश्रा को 26 हजार वोटों के बड़े अंतर से मात दी थी ।