नोएडाः कोरांव विधानसभा सीट प्रयागराज जिले के अंतर्गत आती है । 2007 में मेजा सीट से अलग होकर ये सीट अस्तित्व में आई थी । कोरांव विधानसभा सीट पर करीब साढ़े तीन लाख से भी अधिक मतदाता हैं । जिनमें करीब एक लाख आदिवासी मतदाताओं की संख्या है । वहीं 60 हजार के करीब पिछड़ी जाति के मतदाता हैं । चुनाव में कोरांव के मतदाता किसे वोट करने का मन बना रहे हैं । क्या हैं इलाके की जनता मौजूदा विधायक के काम से संतुष्ट है ? इन तमाम सवालों के जवाब की तलाश में इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम कोरांव विधानसभा क्षेत्र की जनता के बीच पहुंचा ।
क्या बोली कोरांव की जनता?
कोरांव के एक बुजुर्ग ने कहा कि बीते पांच सालों में यहां कुछ नहीं बदला, बल्कि हालात पहले से भी खराब हो गए । किसानों की हालत पहले से भी दयनीय हो गई । मौजूदा विधायक के काम से भी वह काफी नाराज दिखाई दिए । भाजपा ने इस बार कोरांव से अपने सीटिंग विधायक का टिकट काट दिया है । जिसे लेकर बुजुर्ग ने कहा कि उनका तो टिकट कटना ही था । क्योंकि विधायक ने इलाके के विकास के लिए कुछ भी कार्य नहीं किया । वहीं कोरांव की जनता बढ़ती मंहगाई से भी तंग है । इलाके के लोग बच्चों के स्कूल बंद किए जाने से भी नाराज दिखाई दिए ।
2017 का जनादेश
2017 के विधानसभा चुनाव में राजमणि कोल ने भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा और विजयी हुए । उन्होंने चुनाव में कांग्रेस के रामकृपाल को 53 हजार से भी अधिक मतों के अंतर से पराजित किया था । 2017 के चुनाव में कोरांव सीट पर कुल 64 फीसदी मतदान हुआ था । भाजपा पिछले चुनाव में कोरांव के कोल और दलित वोटरों को अपने पक्ष में करने में कामयाब रही थी । जिसकी बदोलत राजमणि कोल यहां पर भाजपा का कमल खिलाने में कामयाब रहे थे । कोरांव विधानसभा सीट पर इस बार 27 फरवरी को मतदान होगा । सियासी दलों ने वोटरों को लुभाने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है । लेकिन 2022 में भाजपा अपनी जीत को दोहरा पाएगी ये तो भविष्य ही बताएगा । जहां एक तरफ भाजपा इस सीट पर अपनी जीत को दोहराने की पूरी कोशिश करेगी । वहीं दूसरी तरफ अन्य सियासी दल इस सीट से भाजपा को बेदखल करने का प्रयास करेंगे ।