लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी विधायक दल का सर्वसम्मति से नेता चुने जाने के बाद कहा कि वह उन्हें फिर से मिली जिम्मेदारी को बिना रुके, बिना थके पूरी ईमानदारी से निभाएंगे। बीजेपी के केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में आए गृह मंत्री अमित शाह और सह पर्यवेक्षक रघुवर दास की मौजूदगी में बीजेपी विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद योगी ने अपने संबोधन में कहा, ‘आज पार्टी ने मुझे फिर से जिम्मेदारी दी है।’
‘हमारी भूमिका व्यवस्था के संरक्षक के रूप में है’
योगी ने कहा, ‘मैं फिर से वचन देता हूं कि हम बिना डिगे, बिना थके, बिना रुके प्रधानमंत्री के विजन (दृष्टिकोण) के अनुरूप उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता को जनार्दन (भगवान) मानकर उनकी सेवा के लिए पूरी ईमानदारी और तत्परता के साथ समर्पित भाव से काम करेंगे। हमारा पूरा विधायक दल इस अभियान का साक्षी बने और एक टीम के साथ तौर पर काम करता दिखे। हम शासन में आते हैं तो मालिक बनने की भूल कभी ना करें। हम सेवक बनकर काम करें। हमारी भूमिका व्यवस्था के संरक्षक के रूप में है।’
‘पार्टी ने लोक संकल्प पत्र चुनाव से पहले जारी किया’ योगी ने कहा, ‘पार्टी की जो व्यवस्था होगी उसके तहत हम पूरी ईमानदारी और तत्परता के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन करेंगे। उत्तर प्रदेश में प्रत्येक व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना बहुत बड़ा काम है। पहले कुशासन को सुशासन तक लाना था अब सुशासन को और सुदृढ़ कैसे बनाएं, हमारा जोर इसपर रहेगा। पार्टी ने लोक संकल्प पत्र चुनाव से पहले जारी किया है। अन्नदाता किसानों, माताओं और बहनों और युवाओं समेत समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए अभी बहुत कुछ हासिल करना बाकी है।’
‘प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और नेतृत्व से सब संभव हुआ’
योगी ने कहा, ‘जनता की जो अपेक्षाएं हैं उनकी पूर्ति करने के लिए हम सबको और अधिक तत्परता से काम करना होगा। उत्तर प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई मुख्यमंत्री पांच साल तक काम करे और फिर वह पार्टी दोबारा सत्ता में आ जाए। यह संभव हुआ है प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और नेतृत्व से। तमाम दुष्प्रचार के बावजूद बीजेपी और सहयोगी दलों को प्रचंड बहुमत की सरकार के रूप में आज हमने सबके सामने प्रस्तुत किया है।’
‘पार्टी ने 2017 में मुझ पर विश्वास किया था’
योगी ने कहा, ‘पार्टी ने 2017 में मुझ पर विश्वास किया था। तब मैं विधायक भी नहीं था। एक सामान्य सांसद था। मेरे पास कोई प्रशासनिक अनुभव नहीं था। हम तो अनगढ़ लोग थे। हमें कोई जानकारी नहीं थी। एक सांसद अपनी बात संसद में रख सकता है लेकिन प्रशासनिक व्यवस्था कैसे संभालना है, बिना भेदभाव के सरकारी योजनाओं का लाभ सभी तक कैसे पहुंचाया जाए यह एक बड़ी जिम्मेदारी होती है और इस दिशा में मुझे प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का एक अभिभावक के तौर पर मार्गदर्शन समय-समय पर मिलता रहा।’
‘पिछले 5 साल में हालात बदल गए हैं’
योगी ने कहा कि प्रदेश में पहले केंद्र प्रायोजित योजनाओं को लागू करने में जो अवरोध नजर आता था, वे हालात पिछले 5 साल में बदल गए हैं। उन्होंने कहा, ‘जनता भले ही प्रतिक्रिया व्यक्त करती हो लेकिन वह उसका जवाब जरूर देती है। यही वजह है कि विपक्ष के तमाम दुष्प्रचार के बावजूद प्रधानमंत्री के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मूल मंत्र ने अपना असर दिखाया और जनता ने जातिवाद और संकीर्ण राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद, विकास और सुशासन को समर्थन दिया।’ (भाषा)