नई दिल्ली: उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी में चल रहा सियासी घमासान शुक्रवार को पार्टी के सीनियर नेता राहुल गांधी के साथ बैठक के बाद खत्म हो गया। राहुल गांधी के साथ उत्तराखंड के नेताओं की बैठक करीब ढाई घंटे तक चली। इस बैठक में तय किया गया कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ही उत्तराखंड में पार्टी का चेहरा होंगे और विधानसभा चुनाव उन्हीं के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। दिल्ली में राहुल गांधी के आवास पर चली बैठक के बाद सभी नेता एक साथ बाहर आए। सभी नेताओं ने एक साथ मैसेज देने की कोशिश की कि अब किसी तरह की कोई आपसी मतभेद नहीं है।
‘मुझे दी गई है नेतृत्व की जिम्मेदारी’
इंडिया टीवी से बात करते हुए उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा, ‘पार्टी के शीर्ष नेता राहुल गांधी के सामने सारी बातें रखी गईं जिसपर विस्तार से बातचीत के बाद मुझे उत्तराखंड विधानसभा चुनाव नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी गई है। मैंने जो बातें कही थी उसे किसी ने भी गलत नहीं कहा है।’ बता दें कि हरीश रावत ने कहा था कि चुनावी समुद्र में तैरने के लिए छोड़ दिया गया और हाथ पैर बांध दिए गए हैं। उन्होंने कहा था कि संगठन भी सहयोग करने के बजाय मुंह मोड़ कर खड़ा हो जा रहा है।
रावत के ट्वीट से आया था सियासी भूचाल
हरीश रावत के इस ट्वीट के बाद उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी में भूचाल आ गया था। हालांकि हरीश रावत की नाराजगी के सामने आने के तुरंत बाद प्रियंका गांधी ने उनसे फोन पर बातचीत की थी और फिर उत्तराखंड के सभी नेताओं को दिल्ली बुलाया गया था। हरीश रावत ने कहा कि अब हाथ पैर खोल दिये गए हैं। राहुल गांधी के आवास पर आज दोपहर 12:00 बजे बैठक शुरू हुई थी। इस बैठक में पार्टी के उत्तराखंड अध्यक्ष गणेश गोदियाल, प्रभारी देवेंद्र यादव, सह प्रभारी के साथ-साथ उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाले कई अन्य नेता बैठक में शामिल हुए।