उत्तराखंड चुनाव 2022: बीजेपी के दो विधायक दे सकते हैं इस्तीफा, टिकट ना मिलने से जाहिर की नाराजगी
पार्टी से नाराज ये नेता इस्तीफा देने की बात कर रहे हैं। इनका कहना है कि पार्टी अगर बात नहीं सुनती है तो हम किसी अन्य पार्टी के टिकट पर या निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।
उत्तराखंड चुनाव 2022: टिकट नहीं दिए जाने पर भारतीय जनता पार्टी के मजबूत दावेदारों में असंतोष की भावना पैदा हो गई। पार्टी से नाराज ये नेता इस्तीफा देने की बात कर रहे हैं। इनका कहना है कि पार्टी अगर बात नहीं सुनती है तो हम किसी अन्य पार्टी के टिकट पर या निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। इनमें बीजेपी के विधायक मुन्नी देवी शाह, महेश नेगी व अन्य खुलकर अपने बागी तेंवर दिखा रहे हैं।
थराली से मौजूदा विधायक मुन्नी देवी शाह और दा्वाराहाट विधायक महेश नेगी ने कहा है कि पार्टी ने 59 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची में कई सीटों पर समर्पित पार्टी कैडर पर कांग्रेस के दलबदलुओं को तरजीह दी है। इससे कार्यकर्ताओं में जमकर आक्रोश है।
मुन्नी देवी शाह ने कहा, “पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को यह बताना चाहिए कि मुझे टिकट क्यों नहीं दिया गया। मैंने केंद्र एवं राज्य सरकार की उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचाने के साथ ही अपने निर्वाचन क्षेत्र में उल्लेखनीय विकास कार्य किया है।” उन्होंने कहा कि दुख नहीं होता अगर पार्टी ने सीट से समर्पित पार्टी कार्यकर्ता को उनकी जगह टिकट दिया होता लेकिन उसने कांग्रेस पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशी को तवज्जो दी।
इस सीट से मौजूदा विधायक एवं अपने पति मगन लाल शाह के निधन के बाद 2018 में उपचुनाव में जीतने वाली शाह ने कहा, “इससे पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा है।’’ उन्होंने कहा कि उनके समर्थक उनपर दवाब बना रहे हैं कि वह सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लड़ सकती हैं। बता दें भाजपा ने कांग्रेस छोड़कर आए भोपाल राम टमटा को उतारा है।
वहीं नरेंद्र नगर सीट से टिकट के मजबूत दावेदार माने जा रहे ओम गोपाल रावत कांग्रेस में शामिल होने की योजना बना रहे हैं। भाजपा ने इस सीट से एक बार फिर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को उतारा है। रावत ने कहा, “भाजपा समर्पित पार्टी कार्यकर्ताओं की परवाह नहीं करती जो संगठन को मजबूत करने के लिए जमीनी स्तर पर मेहनत करते हैं। इसके कोई सिद्धांत या मूल्य नहीं हैं। यह बस सत्ता चाहती है।”
पूर्व विधायक महावीर रांगड़ भी भाजपा द्वारा धनौल्टी से प्रीतम सिंह पवार को उतारे जाने से नाखुश हैं। उन्होंने शुक्रवार को पार्टी कार्यकर्ताओं की राय ली और कहा कि वह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ेंगे। घनसाली से प्रत्याशी, दर्शन लाल ने भी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया है।
कर्णप्रयाग से टिकट पाने की कोशिश कर रहे टीका मैखुरी ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरने की धमकी दी है क्योंकि पार्टी ने सीट से अनिल नौटियाल को उतारा है। भीमताल में मनोज शाह ने पार्टी छोड़ने की धमकी दी है क्योंकि पार्टी ने सीट से मौजूदा निर्दलीय विधायक राम सिंह कैरा को उतारा है जो पिछले साल के आखिर में भाजपा में शामिल हो गए थे।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा, “एक सीट से टिकट के कई दावेदार हो सकते हैं लेकिन यह सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर ही एक को दिया जा सकता है। केंद्रीय नेतृत्व का फैसला सभी को मानना चाहिए।” उन्होंने कहा, “भाजपा एक अनुशासित पार्टी है। यह उनकी शुरुआती प्रतिक्रिया है। मुझे पूरा विश्वास है कि वे समझेंगे।”