नई दिल्ली: कोरोना का आंतक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। देश के अंदर कोरोना के ओमिक्रॉन मामलों का बढ़ता ग्राफ जनता के लिए चिंता का सबब बन गया है। ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए कई राज्यों की सरकारों ने एहतियातन कदम भी उठाने शुरू कर दिए हैं। इलाहबाद हाई कोर्ट ने एक बार फिर याद दिलाया है कि 'जान है जो जहान है।' हाई कोर्ट ने मौजूदा स्थिति पर चिंता जताते हुए पीएम मोदी और चुनाव आयोग से अपील की है कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए रैलियों पर रोक लगाई जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने पीएम और चुनाव आयोग को चुनाव टालने पर भी विचार करने की सलाह दी है। कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद से एक नई बहस शुरू हो गई है कि क्या कुछ समय के लिए विधानसभा चुनावों को टाला जा सकता है। हालांकि, इस बारे में चुनाव आयोग को फैसला लेना है, जिसपर सभी की नजरें बनी हुई हैं।
25 दिसंबर से यूपी में नाइट कर्फ्यू
योगी सरकार ने बिना देर किए इस बार नाइट कर्फ्यू का ऐलान कर संक्रमण को रोकने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। आदेश के मुताबिक, 25 दिसंबर से रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू जारी करेगा। इतना ही नहीं, आदेश का उल्लंघन करने वालो के खिलाफ भी सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। सीएम के द्वारा जारी हुए नए दिशानिर्देश के मुताबिक, भीड़भाड़ वाले इलाको में भी नियमों का पालन करवाने के लिए अतिरिक्त टीमों की तैनाती की जाएगी। शादियों में भी 200 से अधिक लोगों को शामिल होने की इजाजत नहीं दी गई है।
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क्या यूपी में चुनाव टलेगा?
चुनावी जानकारों की मानें तो प्रदेश में लगने वाले नाइट कर्फ्यू से भी चुनाव पर काफी असर पड़ेगा। रात में राजनीतिक दल कई अहम बैठकें करते है, जो अब नहीं हो पाएंगी। वहीं, ग्रामिण क्षेत्रों में भी देर रात तक चुनावी हलचल देखने को मिलती है, जिसपर विराम लगेगा। इलाहबाद हाई कोर्ट की तरफ से आई टिप्पणी ने सभी का ध्यान इस ओर खीच लिया है। कोर्ट ने ना सिर्फ रैलियों पर पाबंदी की बात की है बल्कि चुनाव टालने की सलाह तक दी है। कोर्ट ने दूसरे देशों का उदाहरण देते हुए आगाह किया है कि अगर इसी तरह लापरवाही जारी रही तो तीसरी लहर को कोई नहीं रोक सकेगा। कोर्ट ने राजनीतिक दलों को रैलियों की बजाए टीवी और समाचार पत्रों से प्रचार प्रसार करने की बात कही है।
बीजेपी ने हार से बचने का तरीका ढूंढा: सपा
इस पूरे मामले पर समाजवादी पार्टी की अलग राय है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद रामगोपाल राय ने कोरोना के ओमिक्रॉन खतरे को इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी को अब हार का डर सता रहा है इसलिए वह चुनाव टालने के बहाने ढू़ंढ रही है। रामगोपाल राय ने इलाहबाद हाई कोर्ट की टिप्पणी पर भी आपत्ति दर्ज की है।
चुनाव कराने का फैसला आयोग लेगा: मोदी सरकार
इस मुद्दे पर मोदी सरकार की प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से जब इस विषय पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि 'देश में चुनाव आयोग ही आर्दश संहिता लागू करती है। तो उन्हें ही तय करना होगा कि चुनाव कब होंगे।' वहीं यूपी में बीजेपी के सहयोगी दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि 'चुनाव कब होंगे इस पर फैसला चुनाव आयोग को लेना है, आयोग जो निर्णय लेगा उसका स्वागत करेंगे।'