नई दिल्ली/लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 14 फरवरी को होने वाले मतदान के लिए प्रचार का काम शनिवार शाम छह बजे थम गया। इस चरण में राज्य के नौ जिलों- सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, सम्भल, रामपुर, अमरोहा, बदायूँ, बरेली तथा शाहजहांपुर की 55 विधानसभा सीटों के लिए 14 फरवरी को मतदान होगा। इस चरण का चुनाव प्रचार शाम छह बजे समाप्त हो गया।
आगामी 14 फरवरी (सोमवार) को यूपी, उत्तराखंड और गोवा में मतदान होना है। उत्तराखंड और गोवा में भी एक चरण में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार थम गया है। उत्तराखंड की 70 और गोवा की 40 सीटों पर 14 फरवरी को वोटिंग होगी और 10 मार्च को वोटिंग का रिजल्ट आएगा। दूसरे चरण में पश्चिमी यूपी और रूहेलखंड के 9 जिलों की 55 विधान सभा सीटों पर सोमवार 14 फरवरी को मतदान होगा। इन 55 सीटों से सात सुरक्षित सीटें हैं।
तटीय राज्य गोवा में विधानसभा की 40 सीटों के लिए कुल 301 उम्मीदवार मैदान में हैं। प्रदेश में भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी), तृणमूल कांग्रेस पार्टी, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी), राकांपा, शिवसेना, रिवोल्यूशनरी गोवा, गोएंचो स्वाभिमान पार्टी, जय महाभारत पार्टी और संभाजी ब्रिगेड के उम्मीदवारों के अलावा, 68 निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में हैं। निर्दलीय उम्मीदवारों में प्रमुख राजनीतिक दलों के बागी भी शामिल हैं ।
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी ने बताया कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की सुविधा और कोविड से सुरक्षा की विशेष व्यवस्था करायी गयी हैं तथा मतदाताओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए वहां पर समुचित एवं आवश्यक व्यवस्थाएं कराने के लिए प्रशासन को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।
चुनाव आयोग के अनुसार, यूपी में दूसरे चरण में कुल 586 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना (शाहजहांपुर सदर), जल शक्ति राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख (बिलासपुर), नगर विकास राज्य मंत्री महेश चंद्र गुप्ता (बदायूं), माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी (चंदौसी), आयुष राज्यमंत्री रहे और अब सपा के प्रत्याशी धर्म सिंह सैनी (नकुड़), वरिष्ठ सपा नेता आजम खान (रामपुर सदर) और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम (स्वार) प्रमुख हैं। दूसरे चरण में जिन क्षेत्रों में मतदान होने जा रहा है वहां मुसलमानों की आबादी काफी ज्यादा है और इन्हें समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है।
हालांकि वर्ष 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इन 55 में से 38 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि सपा को 15 और कांग्रेस को दो सीटें मिली थीं। कांग्रेस और सपा ने पिछला विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था। सपा को जो 15 सीटें मिली थी उनमें से 10 पर मुस्लिम प्रत्याशी जीते थे। दूसरे चरण के चुनाव के लिए प्रचार में सभी राजनीतिक दलों ने अपना पूरा जोर लगाया। भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रमुख रूप से मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी पर हमलावर रहे और उत्तर प्रदेश को दंगा मुक्त रखने के लिए भाजपा सरकार को जरूरी बताया।
मोदी ने सहारनपुर में तीन तलाक का मुद्दा भी उठाया और दावा किया कि उनकी सरकार ने मुस्लिम बहनों को तीन तलाक के चंगुल से आजाद कराया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बरेली, शाहजहांपुर और बदायूं समेत विभिन्न स्थानों पर जाकर जनसभाएं की और विपक्षी दलों पर जमकर प्रहार किए।
दूसरी ओर, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी के प्रचार अभियान की कमान संभाली। उन्होंने 100 से ज्यादा मुकदमों के मामले में करीब दो साल से जेल में बंद अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के पक्ष में रामपुर में वोट मांगे और कहा कि एक विश्वविद्यालय बनाने वाले आजम को जेल में डाल दिया गया और लखीमपुर खीरी के तिकोनिया में किसानों को अपनी जीप तले रौंदने वाले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे को जमानत दे दी गई।
बसपा अध्यक्ष मायावती ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान सपा भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा की सरकार ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट-मुस्लिम भाईचारा समाप्त कर दिया। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने दूसरे चरण के तहत मतदान से गुजरने वाले विभिन्न जिलों के अनेक विधानसभा क्षेत्रों में घर-घर जाकर प्रचार किया।