प्रयागराज: देश में कोरोना वायरस संक्रमण के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का खतरे गहरा होता जा रहा है। ऐसे में अगले साल उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में चुनाव भी होने हैं और चुनाव में रैलियों के दौरान भीड़ भी होती है। इसी को लेकर अब इलाहबाद हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि चुनावी रैलियों में भीड़ कम की जाए तथा चुनाव टालने पर भी विचार किया जाए। हाई कोर्ट ने कहा कि पीएम और चुनाव आयुक्त प्रदेश में चुनावी रैलियों तथा सभाओं पर रोक के लिए कड़े कदम उठाएं।
हाई कोर्ट ने अनुरोध किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में कोरोना की तीसरी लहर से जनता को बचाने के लिए राजनीति पार्टियों द्वारा भीड़ एकत्रित कर चुनावी रैलियों पर रोक लगाएं। राजनीतिक पार्टियों से कहा जाये कि वह चुनाव प्रचार टीवी और समाचार पत्रों के माध्यम से करें। प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हुए हाईकोर्ट जज ने कहा कि वह पार्टियों की चुनावी सभाएं और रैलियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं और चुनाव टालने पर भी विचार करें, क्योंकि जान है तो जहान है।
यह आदेश जस्टिस शेखर कुमार यादव ने उत्तर प्रदेश गिरोहबंद कानून के तहत जेल में बंद आरोपी संजय यादव की जमानत मंजूर करते हुए दिया है। संजय यादव के खिलाफ इलाहाबाद के थाना कैंट एरिया में मुकदमा दर्ज है। उन्होंने कहा कि 'न्यायालय प्रधानमंत्री से अनुरोध करती है कि इस भयावह महामारी की स्थिति को देखते हुए कड़े कदम उठाते हुए रैली, सभाएं और होने वाले चुनाव को रोकने तथा टालने के बारे में विचार करें, क्योंकि जान है तो जहान है।'
इसके साथ ही हाई कोर्ट ने कोरोना टीकाकरण अभियान को लेकर प्रधानमंत्री की प्रशंसा की है। कोर्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश में कोरोना मुफ्त टीकाकरण का जो अभियान चलाया है, वह प्रशंसनीय है और न्यायालय उसकी प्रशंसा करती है।