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Hindi News लोकसभा चुनाव 2024 इलेक्‍शन न्‍यूज UP Election Result 2022: योगी आदित्यनाथ ने तोड़ा 37 साल से चला आ रहा 'नोएडा का मिथक', डर चुके हैं 6 मुख्यमंत्री

UP Election Result 2022: योगी आदित्यनाथ ने तोड़ा 37 साल से चला आ रहा 'नोएडा का मिथक', डर चुके हैं 6 मुख्यमंत्री

लगभग तीन दशकों से ऐसा कहा जाता रहा है कि गौतमबुद्ध नगर जिले में नोएडा का दौरा करने वाला उत्तर प्रदेश का कोई भी मुख्यमंत्री सत्ता में वापस नहीं आता। हाल के इतिहास की बात करें तो, मार्च 2007 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाली मायावती उस साल अपने करीबी सतीश मिश्रा के रिश्तेदार की शादी में शामिल होने के लिए नोएडा गई थीं।

Yogi Adityanath- India TV Hindi Image Source : PTI Yogi Adityanath

Highlights

  • अब तक माना जाता रहा है कि नोएडा जाने वाले मुख्यमंत्री की कुर्सी सुरक्षित नहीं रहती है
  • कई मुख्यमंत्री नोएडा जाने से बचते रहे, लेकिन योगी डरने के बजाय वहां कई बार गए

नोएडा: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) लगातार दूसरी बार सत्ता में आती दिख रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी बृहस्पतिवार को ''नोएडा का मिथक'' कही जाने वाली धारणाओं को धराशायी करने की ओर बढ़ते दिखाई दे रहे हैं। चुनाव की मतगणना के रूझानों के अनुसार एक ओर जहां आदित्यनाथ गोरखपुर शहर सीट से जीत की ओर बढ़ते दिखाई दे रहे हैं तो दूसरी ओर भाजपा भी गौतमबुद्ध नगर जिले की सभी तीन सीटें अपनी झोली में डालती दिख रही है। इस जिले में नोएडा, दादरी और जेवर विधानसभा क्षेत्र आते हैं।

लगभग तीन दशकों से ऐसा कहा जाता रहा है कि गौतमबुद्ध नगर जिले में नोएडा का दौरा करने वाला उत्तर प्रदेश का कोई भी मुख्यमंत्री सत्ता में वापस नहीं आता। हाल के इतिहास की बात करें तो, मार्च 2007 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाली मायावती उस साल अपने करीबी सतीश मिश्रा के रिश्तेदार की शादी में शामिल होने के लिए नोएडा गई थीं। हालांकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख के इस साहसिक कदम को उस समय धारणाओं को तोड़ने का प्रयास करार दिया गया था। लेकिन 2012 में राज्य की सत्ता से उनके बाहर होने के साथ ही यह मिथक बरकरार रहा।

मायावती ग्रेटर नोएडा के बादलपुर गांव से संबंध रखती हैं। इससे पहले, उनके पूर्ववर्ती तथा समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव, भाजपा के राजनाथ सिंह और कल्याण सिंह अपने मुख्यमंत्री पद के कार्यकाल के दौरान नोएडा आए ही नहीं। साल 2012 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने वाले मुलायम सिंह के बेटे अखिलेश यादव ने व्यक्तिगत रूप से नोएडा न आने के सिलसिले को बरकरार रखा। अखिलेश यादव साल 2013 में नोएडा में हुए एशियाई विकास बैंक सम्मेलन में शरीक नहीं हुए थे। उस सम्मेलन में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मुख्य अतिथि थे।

साल 2017 में उत्तर प्रदेश की कमान संभालने वाले आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनने के बाद से दर्जनों बार नोएडा का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने नोएडा में मेट्रो के उद्घाटन के अलावा कई अन्य परियोजनाओं की शुरुआत की। जनवरी में उन्होंने गौतमबुद्ध नगर पहुंचकर कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की थी। ऐसे में माना जा रहा है कि यदि योगी आदित्यनाथ नोएडा आने के बावजूद मुख्यमंत्री की कुर्सी पर दोबारा काबिज हो जाते हैं, तो इस बार नोएडा को लेकर 37 साल से चला आ रहा एक बड़ा मिथक भी टूट जाएगा। 

क्या है नोएडा का मिथक?
बता दें कि उत्तर प्रदेश में अब तक माना जाता रहा है कि नोएडा जाने वाले मुख्यमंत्री की कुर्सी सुरक्षित नहीं रहती है और उसकी सत्ता में वापसी नहीं होती। इस वजह से कुछ मुख्यमंत्री तो नोएडा जाने से बचते रहे। उद्घाटन या शिलान्यास को लेकर कुछ को कार्यक्रम के सिलसिले में वहां जाने की जरूरत पड़ी तो नोएडा न जाकर अगल-बगल या दिल्ली के किसी स्थान से इस काम को पूरा किया गया। योगी ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जो नोएडा जाने से डरने के बजाय वहां कई बार गए।

(इनपुट- एजेंसी)