गोरखपुर (उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर शुक्रवार को नामांकन दाखिल करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने हलफनामे में घोषणा की है कि उनके खिलाफ एक भी आपराधिक मुकदमा लंबित नहीं है। पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ने जा रहे 49 वर्षीय योगी ने खुद को अपने गुरु महंत अवैद्यनाथ का पुत्र बताया है। योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोरखपुर शहर से नामांकन दाखिल कर दिया। नामांकन के दौरान फाइल किए गए एफिडेविट में उन्होंने अपनी संपत्ति का ब्योरा भी दिया है।
योगी आदित्यनाथ ने अपने नामांकन पत्र के साथ दाखिल हलफनामें में अपने पास 1 करोड़ 54 लाख 94 हजार 54 रुपए की संपत्ति मौजूद होने की जानकारी दी है और यह उनकी चल संपत्ति है। हलफनामे के अचल संपत्ति वाले कॉलम में उन्होंने 'लागू नहीं' लिखा है। योगी ने देनदारियों वाले कॉलम में 'लागू नहीं' का उल्लेख किया है। मुख्यमंत्री ने हलफनामे में बताया है कि उनके पास 20 ग्राम वजन के कुंडल हैं जिनकी कीमत खरीद के समय 49000 रुपये थी।
इसके अलावा उनके पास 10 ग्राम की रुद्राक्ष माला है जो सोने की जंजीर में बनी हुई है। इसकी कीमत खरीद के समय 20000 रुपये थी। इसके अलावा उनके पास 12000 रुपये का एक मोबाइल फोन है। योगी ने यह भी घोषित किया है कि उनके पास एक लाख रुपये का रिवाल्वर और 80 हजार रुपये की राइफल भी है। शैक्षणिक योग्यता वाले कॉलम में योगी ने खुद को स्नातक बताया है। हलफनामें के मुताबिक, योगी ने वर्ष 1992 में पौड़ी गढ़वाल स्थित बहुगुणा विश्वविद्यालय श्रीनगर से बीएससी की डिग्री हासिल की है। योगी के पास कोई वाहन नहीं है। उनके पास डाकघर संसद मार्ग, नई दिल्ली के खाते में 35,24,708 रुपए हैं जबकि 2.33 लाख रुपए का बीमा है।
इससे पहले 2017 में जब योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद का चुनाव लड़ा था, तब उन्होंने अपनी संपत्ति 95.98 लाख रुपये बताई थी। 5 साल में उनकी संपत्ति करीब 60 लाख रुपए बढ़ गई है। सीएम योगी के दिल्ली, लखनऊ और गोरखपुर की 6 जगहों पर अलग-अलग बैंकों में 11 अकाउंट्स हैं। इन अकाउंट्स में 1 करोड़ 13 लाख 75 हजार रुपए से ज्यादा जमा हैं।
पहली बार विधायक का चुनाव लड़ रहे योगी
योगी आदित्यनाथ पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। 5 जून 1972 को जन्मे योगी आदित्यनाथ ने अपना पहला चुनाव 26 साल की उम्र में लड़ा था। योगी ने 1998 में पहली बार गोरखपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीता। इसके बाद 1999, 2004, 2009 और 2014 में लगातार 5 बार सांसद चुनकर आए। 2017 में योगी आदित्यनाथ यूपी के मुख्यमंत्री बने, उसके बाद उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दिया। इसके बाद वो विधान परिषद के सदस्य चुने गए।