यूपी में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। नेता-जनता के बीच की दूरी काफी कम हो गई है। दावे और वादे जमकर हो रहे हैं। ऐसे में छात्रों के मन में क्या चल रहा है? क्या छात्रों को नेताओं की भाषा समझ में आ रही है? छात्रों को नेताओं के वादों पर कितना भरोसा है? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)’ का खास शो (Show) ‘ये पब्लिक है सब जानती है’ ( ye Public Hai Sab Jaanti Hai) की टीम इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों के बीच पहुंची। बातचीत के दौरान ज्यादातर छात्र सरकार से नाराज़ नज़र आए। छात्रों ने कहा कि ‘’जब देखो तब पेपर लीक हो जाते हैं। नौकरी मांगने पर छात्रों पर लाठियां बरसाई जाती हैं। सरकार जितनी नौकरियां देने का दावा कर रही है, वह सही नहीं है। छात्र मानसिक रूप से बीमार हो चुका है।’’ एक छात्र तो इतना परेशान दिखा कि उसने EVM में ‘नोटा’ बटन दबाने का अपना फैसला बता दिया। छात्र का कहना था कि ‘’जिनती भी राजनीतिक पार्टियां हैं, इनमें ऐसा कोई भी नेता नहीं है जो छात्रों की परेशानी को समझ सके।‘’
दरअसल इलाहाबाद यूनिवर्सिटी को पूरब का ऑक्सफोर्ड कहा जाता है। इस विश्वविद्याल का इतिहास बहुत समृद्ध रहा है। यहां के पढ़े छात्र देश-दुनिया में नाम कमा रहे हैं। लेकिन कई सालों से इस विश्वविद्यालय की रैंकिंग लगातार गिरती जा रही है। नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) 2021 की रिपोर्ट के अनुसार यह संस्थान देश के शीर्ष 100 उच्च शैक्षिक संस्थानों में 88वें स्थान पर है।
हर साल जब भी चुनाव होते हैं हर पार्टी युवाओं को आगे लाने का दावा करती है। यहां तक कि युवाओं का वोट पाने के लिए भी तमाम तरह के प्रलोभन छात्रों को दिए जाते हैं। लेकिन अकसर देखा जाता है कि छात्र अपनी तमाम मांगों को लेकर सड़क पर प्रदर्शन करते रहते हैं और सुनवाई कहीं नहीं होती है।