बलरामपुर सदर में 3 मार्च को वोट डाले जाएंगे। पिछली बार यहां की जनता ने BJP के पल्टूराम को जीताकर विधानसभा भेजा था। इस बार भी BJP ने पल्टूराम पर भरोसा जताया है। यूपी में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री भी हैं पल्टूराम। 2022 में जनता यहां से किसको जीताएगी? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)’ का खास शो (Show) ‘ये पब्लिक है सब जानती है’ ( ye Public Hai Sab Jaanti Hai) की टीम बलरामपुर पहुंची। बातचीत के दौरान यहां दो तरह के मतदाता दिखे। एक वोटरों का ग्रुप ऐसा था जो मौजूदा सरकार और विधायक से संतुष्ट नज़र आया, वहीं दूसरा वोटर ऐसा मिला जो सरकार के काम से नाराज़ नज़र आया।
बलरामपुर की समस्याएं
बलरामपुर में बाढ़ प्रमुख समस्या है। हर साल सैकड़ों एकड़ फसल नष्ट हो जाती है। इस जिले का एक तिहाई भू-भाग हार्ड एरिया के रूप में माना जाता है, जो असिंचित है। यहां की सिंचाई प्राकृतिक वर्षा पर निर्भर करती है। नेपाल के पानी को रोककर सिंचाई के लिए यहां 11 बड़े जलायश बनाए गए हैं, लेकिन जल संग्रहण क्षमता के काम होने से ये अपनी उपयोगिता खोते जा रहे हैं। यह क्षेत्र कभी बाढ़ तो कभी सूखे का दंश झेलता है। नेपाल के पानी को रोककर सिंचाई के लिए यहां 11 बड़े जलाशय बनाए गए हैं, लेकिन जल संग्रहण क्षमता के कम होने से वे अपनी उपयोगिता खोते जा रहे हैं।
जातीय समीकरण
बलरामपुर विधासभा सीट पर सबसे ज्यादा 38 फीसरीद OBC मतदाता हैं। 21 फीसदी दलित मतदाता हैं। 18 फीसदी मतदाता सामान्य जाति के हैं। 23 फीसदी मतदाता मुस्लिम भी हैं जो चुनाव का रुख तय करते हैं।