जौनपुर सदर सीट के लिए 7 मार्च को मतदान होना है। इस विधानसभा सीट के इतिहास के मुताबिक इस क्षेत्र के मतदाता कभी अपने विधायक पर दोबारा भरोसा नहीं करते हैं। ऐसे में 2022 में बीजपी के सामने दोबारा वापसी की चुनौती होगी। 2017 में बीजेपी के गिरीश चंद्र यादव चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। इस बार जनता किस पार्टी के उम्मीदवार को विधानसभा भेजने की तैयारी में है? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम जौनपुर सदर पहुंची थी। बातचीत के दौरान ज्यादातर जनता बीजेपी उम्मीदवार को जीताने के पक्ष में दिखी। लोगों का कहना था कि इलाके में पुल बना है। कानून व्यवस्था भी सुधरी है। व्यापार करने में भी अब सुविधा हुई है। बिजली क्षेत्र में आ रही है। रोजगार के क्षेत्र में सरकार से शिकायत है। वहीं एक महिला वोटर का कहना था कि सरकार राशन गरीबों को बांट रही है, लेकिन कुछ लोग धांधली कर रहे हैं।
मुस्लिम बहुल सीट है जौनपुर सदर
जौनपुर सदर विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। वैश्य, मौर्य के साथ राजपूत मतदाताओं की भी अच्छी तादाद है। इस सीट का जातिगत समीकरण साधने के लिए सभी राजनीतिक दल पूरी ज़ोर लगा रहे हैं।
फिरोज शाह तुगलक ने बसाया था जौनपुर
जौनपुर शहर की स्थापना 14वीं शताब्दी में फिरोज शाह तुगलक ने अपने चचरे भाई मुहम्मद बिन तुगलक की याद में की थी। जिसका वास्तविक नाम जौना खां था और इसी कारण इस शहर का नाम जौनपुर रखा गया।