बदायूं जिले का बिल्सी विधानसभा क्षेत्र जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर दूर स्थित बिल्सी सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। बिल्सी का नजदीकी रेलवे स्टेशन उझानी कस्बे में है। तीर्थ नगरी कछला भी इसी विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है, जहां पर भागीरथ जी का एक मात्र मंदिर है। 2017 में इस विधानसभा सीट पर BJP के पंडित आरके शर्मा चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। यहां बहुजन समाजवादी पार्टी का प्रभाव रहा है। 24 साल बाद यहां 2017 में कमल खिला था। 2022 के विधानसभा चुनाव में किस पार्टी को जीत मिलेगी? बिल्सी क्षेत्र की जनता क्या मन बना रही है? जनता के दिल की बात जानने इंडिया टीवी (India TV)’ का खास शो (Show) ‘ये पब्लिक है सब जानती है’ ( ye Public Hai Sab Jaanti Hai) की टीम बिल्सी विधानसभा क्षेत्र पहुंचकर यहां के लोगों से बात की। बातचीत के दौरान जनता ने कहा कि यहां बीजेपी और बसपा के बीच टक्कर है। कांग्रेस और सपा की कोई चर्चा नहीं है। कुछ जनता बीजेपी के कामों से खुश नज़र आई तो कुछ का कहना था कि बहन जी ने अपने शासनकाल में यहां बहुत विकास किया था।
सीट का इतिहास
बिल्सी विधानसभा सीट के लिए 1967 में परिसीमन के बाद 1974 में पहला चुनाव हुआ। इस चुनाव में भारतीय जन संघ के सोहनलाल ने कांग्रेस के केशव राम को हराकर विधानसभा पहुंचे थे। इसके बाद हुए चुनावों में ज्यादातर बार बसपा ने जीत दर्ज की।
मायावती ने छोड़ दी थी सीट
बिल्सी विधानसभा सीट पहली बार उस समय चर्चा में आई थी, जब 1996 में बसपा सुप्रीमो मायावती यहां से चुनाव लड़ी थी। इस चुनाव में मायावती ने BJP के योगेंद्र कुमार सागर को 2215 वोटों से मता दे दी थीं, हालांकि जीतने के बाद उन्होंने यहां से इस्तीफा दे दिया था। मायावती दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ी थीं, यही वजह थी कि चुनाव जीतने के बाद बिल्सी को छोड़ कर सहारनपुर जिले की हरोंदा विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया। इसके बाद यहां हुए उपचुनाव में बसपा (BSP) के भोला शंकर मौर्य ने जीत दर्ज की।