UP Election 2022: उन्नाव में क्या है जनता का मुद्दा? जानें, किस पार्टी से कौन है उम्मीदवार
कांग्रेस उम्मीदवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मौजूदा विधायक पंकज गुप्ता से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
Highlights
- चुनावी राजनीति में पहली बार कदम रख रहीं आशा सिंह इस मुकाबले को महिला सम्मान की लड़ाई में बदलना चाहती हैं।
- कांग्रेस को उम्मीद है कि आशा सिंह के माध्यम से वह आखिरी बार 1967 में जीती गई सीट पर फिर से कब्जा करेगी।
- आशा सिंह को भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा विधायक पंकज गुप्ता से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
उन्नाव: उत्तर प्रदेश में अपना खोया जनाधार पाने के लिए संघर्ष कर रही कांग्रेस ने उन्नाव सदर सीट से उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की मां आशा सिंह को उम्मीदवार बनाया है और लोगों की सहानुभूति को वोट में तब्दील करना चाहती है। चुनावी राजनीति में पहली बार कदम रख रहीं आशा सिंह इस मुकाबले को महिला सम्मान की लड़ाई में बदलना चाहती हैं। वह ऐसे जघन्य अपराधों के पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करना चाहती हैं। आशा सिंह के माध्यम से कांग्रेस को उम्मीद है कि वह आखिरी बार 1967 में जीती गई सीट पर फिर से कब्जा करेगी।
सिंह ने कहा, ‘मैं महिलाओं के खोए हुए सम्मान को वापस पाने के लिए मैदान में हूं। मुझे उम्मीद है कि लोग इस बार कांग्रेस को चुनेंगे।’ कांग्रेस उम्मीदवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मौजूदा विधायक पंकज गुप्ता से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जो दावा करते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा देश और राज्य के लोगों के लिए शुरू की गई सभी योजनाओं को यहां उपलब्ध कराया गया है। गुप्ता ने यहां शुरू की गई विकास परियोजनाओं का हवाला देते हुए 300 करोड़ रुपये की अमृत जल योजना, सड़कों के चौड़ीकरण और सीवेज योजना का जिक्र किया।
पंकज गुप्ता ने कहा, ‘कई कार्यों का हवाला दिया जा सकता है जिसके माध्यम से योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य और उन्नाव के लोगों को हर सुविधा प्रदान की है।’ उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि वह निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के लिए 24 घंटे उपलब्ध हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) ने पूर्व मंत्री दिवंगत मनोहर लाल के पौत्र एवं पूर्व सांसद विधायक दीपक कुमार के पुत्र डॉक्टर अभिनव कुमार (31) को प्रत्याशी बनाया है। बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने देवेन्द्र सिंह को प्रत्याशी घोषित किया है।
कुमार ने दावा किया कि निर्वाचन क्षेत्र में आवश्यक सुधार के बारे में उनकी स्पष्ट दृष्टि है और अपने परिवार की विरासत की देखभाल करना उनकी जिम्मेदारी है। कुमार ने कहा, ‘मेरे दादा मनोहर लाल कई बार उन्नाव सदर से विधायक रह चुके हैं। मेरे चाचा रामकुमार ने भी इस विधानसभा सीट से एक बार चुनाव लड़ा था। मेरे पिता दीपक कुमार इस सीट से 3 बार विधायक रह चुके हैं। मेरे माता-पिता के निधन के बाद अब यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं अपने परिवार की विरासत की को आगे बढ़ाऊं और मैं इसकी देखभाल के लिए पूरी तरह तैयार हूं।’
अभिनव कुमार ने कहा कि वह आगे पढ़ना चाहते थे, लेकिन माता-पिता दोनों की मृत्यु ने उन्हें राजनीति में ला खड़ा किया है। उन्होंने कहा, ‘आज आप उन्नाव शहर में जो विकास कार्य देख रहे हैं, वह मेरे पिता दीपक कुमार ने किया है।’ कुमार अपने पेशे को ध्यान में रखते हुए चुनाव जीतकर यहां की चिकित्सा सेवाओं को मजबूत करना चाहते हैं। सपा प्रत्याशी ने कहा कि लखनऊ-कानपुर राजमार्ग पर आए दिन हो रहे हादसों के बावजूद सपा सरकार के दौरान यहां बनाया गया ट्रॉमा सेंटर पूरी तरह से चालू नहीं हो पाया है। रोजगार सृजित करना और आवारा पशुओं की समस्या का समाधान भी उनकी प्राथमिकताओं में है।
पिछले 2 चुनावों से बीजेपी के पास रही उन्नाव सदर सीट कभी सपा का गढ़ मानी जाती थी। लेकिन 2014 के उपचुनाव में तत्कालीन विधायक दीपक कुमार के निधन के बाद उनकी पत्नी मनीषा दीपक BJP के पंकज गुप्ता से हार गईं। फिर 2017 में भी मनीषा दीपक, गुप्ता से हार गईं। BSP ने देवेंद्र सिंह को इस सीट से उतारा है जो मायावती सरकार द्वारा किए गए कार्यों के दम पर मतदाताओं के वोट और समर्थन को जीतना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘उन्नाव के लोग मायावती सरकार के विकास कार्यों को नहीं भूले हैं और मुझे विश्वास है कि ‘बहनजी’ को फिर से मुख्यमंत्री बनाने के लिए वे मुझे वोट देंगे।’
हालांकि, इलाके के स्थानीय लोगों का मानना है कि मुख्य मुकाबला बीजेपी और सपा के बीच है। रेव गांव के एक दुकानदार गौरीशंकर ने कहा कि मुख्य लड़ाई कमल (बीजेपी) और साइकिल (सपा) के बीच होगी और उनमें से कोई भी जीत सकता है। कांग्रेस प्रत्याशी के बारे में उन्होंने दावा किया कि वह कहीं भी दौड़ में नहीं हैं। माखी गांव में मिठाई की दुकान चलाने वाले सुमित गुप्ता ने दावा किया कि बीजेपी फिर से सीट जीतेगी और कांग्रेस उम्मीदवार की वहां कोई मौजूदगी नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘गांव के सभी लोग जानते हैं कि पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को बलात्कार के मामले में गलत तरीके से फंसाया गया था।’
4 जून, 2017 को बलात्कार पीड़िता नौकरी के लिए सेंगर से मिलने गई थी। कुछ दिनों बाद, उसने शिकायत की कि विधायक ने उससे बलात्कार किया है। पुलिस ने अदालत के आदेश के बाद इस संबंध में मामला दर्ज किया। बलात्कार पीड़िता के परिवार को मामला दर्ज होने के बाद भी धमकियां मिलती रहीं लेकिन न्याय की तलाश में उन्होंने हार नहीं मानी। मामले की जांच अप्रैल 2018 में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंपी गई थी। इस घटना के बाद देश भर में आक्रोश फैल गया। भाजपा ने सेंगर को पार्टी से निष्कासित कर दिया।
दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने 19 दिसंबर 2019 को सेंगर को बलात्कार के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई, जिसके बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा ने सेंगर की सदस्यता रद्द कर दी। उन्नाव सदर सीट पर 1.86 लाख महिलाओं सहित 4.09 लाख से अधिक मतदाता हैं। यहां चौथे चरण में 23 फरवरी को मतदान होगा। (भाषा)