UP Election 2022: यूपी की राजधानी लखनऊ से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-24 पर पड़ने वाले सीतापुर जिले की राजनीति में अलग पहचान है। उत्तर प्रदेश की सबसे पुरानी विधानसभा सीटों में शामिल सीतापुर विधानसभा सीट पर चौथे चरण के तहत 23 फरवरी को मतदान होना है। यहां एक बार फिर सपा और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है।
जानिए कौन-कौन है मैदान में
सीतापुर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने विधायक राकेश राठौर पर एक बार फिर भरोसा जताया है और उन्हें टिकट दिया है। जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपने पूर्व विधायक राधेश्याम जायसवाल पर भरोसा जताते हुए उन्हें मैदान में उतारा है। वहीं क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या को देखते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने खुर्शीद अंसारी और कांग्रेस ने शमीना शफीक को मैदान में उतारा है।
2017 में बीजेपी ने 21 साल बाद खिलाया था कमल
सीतापुर विधानसभा सीट पर 21 साल बाद 2017 में कमल खिला था। 1996 में सपा ने इस सीट पर बीजेपी के वर्चस्व तोड़ा। 1996 के चुनाव में सपा के राधेश्याम जायसवाल ने बीजेपी के राजेंद्र गुप्ता को हराया। इसके बाद सपा के राधेश्याम जायसवाल ने इस सीट से 2002, 2007 और 2012 के चुनाव में जीत दर्ज की। इन सभी चुनावों सपा का मुकाबला तकरीबन बीजेपी से हुआ, लेकिन 2017 के चुनाव में इस सीट पर बीजेपी ने सपा का वर्चस्व तोड़ दिया। बीजेपी के राकेश राठौर ने सपा के राधेश्याम जायसवाल को तकरीबन 25 हजार वोटों के अंतर से मात दी और 21 साल का सूखा खत्म कर इस सीट पर कमल खिलाया।
सीतापुर विधानसभा सीट पर 2017 के चुनाव की बात करें तो यहां बीजेपी के राकेश राठौर ने कुल 98 हजार से ज्यादा (42.54 प्रतिशत) वोटों के साथ जीत दर्ज की थी जबकि दूसरे नंबर पर रहे सपा के राधेश्याम जायसवाल को कुल 74 हजार (31.85 प्रतिशत) से ज्यादा वोट मिले थे। वहीं बसपा के अशफाक खान करीब 52 हजार वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे। यहां 2017 में 3 लाख 78 हजार (61.82 प्रतिशत) से ज्यादा लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया था।